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    याद रखने के सबक याद रखें

    By Edited By:
    Updated: Mon, 28 Apr 2014 11:57 AM (IST)

    क्या अकसर ऐसा होता है कि आप अपनी अलमारी की चाबी, चश्मा या अन्य कोई जरूरी कागजात कहीं रखकर भूल जाती हैं और फिर उसे ढूंढ़ने के लिए इधर-उधर घूमती रहती हैं। यही नहींअभी कल ही तो आप उस शख्स से पार्टी में मिली थी, पर बहुत याद करने पर भी उसका नाम आपकी जबान पर नहींआ रहा। यदि ऐसा

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    क्या अक्सर ऐसा होता है कि आप अपनी अलमारी की चाबी, चश्मा या अन्य कोई जरूरी कागजात कहीं रखकर भूल जाती हैं और फिर उसे ढूंढ़ने के लिए इधर-उधर घूमती रहती हैं। यही नहींअभी कल ही तो आप उस शख्स से पार्टी में मिली थी, पर बहुत याद करने पर भी उसका नाम आपकी जबान पर नहींआ रहा। यदि ऐसा है तो सतर्क हो जाएं। यह कहने से काम नहींचलेगा कि मेरी याददाश्त कमजोर हो रही है। आपको यह सीखना होगा कि चीजों को कैसे याद रखें। यह करना इतना भी मुश्किल नहींहै।

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    क्यों होती है याददाश्त कमजोर

    उम्र बढ़ने के साथ ही हम चीजें जल्दी भूलने लगते हैं। इस समस्या के अनेक कारण हैं।

    उम्र का असर

    करीब 50 साल की उम्र तक आते-आते नई चीजों को सीखने और उसे स्मरण करने की क्षमता कम होती जाती है। जब आप मिडिल एज में पहुंचती हैं, तो मस्तिष्क में सूचनाओं को ग्राच् करने की गति कम होती जाती है। हावर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर और कैम्ब्रिज हेल्थ एलायंस में गेरियाट्रिक्स के प्रमुख डॉक्टर एन फेबिनी भी इस बात की तसदीक करते हुए कहते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ याददाश्त में मामूली सी कमी आती है। ऐसा होने से चिड़चिड़ाहट पैदा होती है, जो चिंता और तनाव का कारण बन सकती है। हालांकि यह जरूरी नहींकि कुछ गलत ही होने वाला है। हां, आप पहले जितनी तेजी से चीजें स्मरण कर लेती थी, उतनी तेजी से अब याद करना मुश्किल होगा।

    दवाओं का असर

    ऐसा सामान्यत: नहीं होता, पर दवाओं का भी याददाश्त पर नकारात्मक असर हो सकता है। एंटी एंग्जाइटी और नींद की दवाओं के इस्तेमाल से ऐसा असर हो सकता है।

    अनिद्रा

    अगर आपको समुचित नींद नहींआती है, तो इससे आपकी याददाश्त प्रभावित हो सकती है। डॉ. फेबिनी कहते हैं, 'उम्र बढ़ने पर बेहतर याददाश्त के लिए पर्याप्त नींद लेना और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि कम नींद लेने पर आप चीजें पहले की तरह याद नहींरख सकते।'

    कुछ सहज उपाय

    याददाश्त कमजोर पड़ने की इस समस्या का हल छोटी-छोटी कोशिशों में छिपा है।

    एक समय पर एक ही काम करें

    मल्टीटास्किंग में आपका दिमाग एक साथ कई दिशाओं में चलता है, जिसका असर आपकी याददाश्त पर पड़ता है। ऐसे में कुछ न कुछ भूलने की संभावना रहती है, इसलिए बेहतर होगा कि एक समय पर एक ही काम पर फोकस करें।

    नाम दोहराएं

    जब किसी से मिलें और बातचीत करें, तो उससे विदा लेने से पहले बातों ही बातों में उसका एक-दो बार नाम लें। जैसे आप चलते समय सामान्य शिष्टाचार जताते हुए उस व्यक्ति का नाम लेकर कह सकती हैं कि आपसे मिलकर अच्छा लगा। इसके अलावा मन ही मन बातचीत के दौरान उसका नाम दोहरा सकती हैं।

    याद रखने के अपने तरीके

    किसी व्यक्ति के नाम से उसके गुणों अथवा नैन-नक्श को जोड़ कर याद करें। जैसे किसी का नाम है कंगना है तो कल्पना करें कि उसकी आवाज में भी चूड़ी की तरह खनक है। इस तरह नाम आपके मस्तिष्क में अंकित हो जाएंगे।

    अच्छी श्रोता बनें

    बातचीत के दौरान सामने वाले व्यक्ति की बात ध्यान से सुनें। अगर उसकी कही गयी कोई बात अनसुनी रह गयी है, तो शब्द दोहराने का उससे आग्रह करें। बड़ी खूबी से उसकी बातों को खुद भी रिपीट करें।

    जब फोकस करना हो मुश्किल..

    शोर-शराबे या अफरा-तफरी वाले माहौल में किसी बात को समझना, उस पर ध्यान केन्द्रित करना और उसे स्मरण करना मुश्किल होता है। बेहतर होगा कि ऐसे माहौल महत्वपूर्ण बातचीत करने व पढ़ने से बचें।

    योजनाबद्ध तरीका है सही

    किसी भी चीज को भली प्रकार समझने और उसे स्मरण रखने के लिए अच्छा होगा कि आप चरणबद्ध तरीके से यह कार्य करें। सबसे पहले संबंधित कार्य या नयी जानकारी की मोटी-मोटी बातों को समझने का प्रयास करें। इसके अगले दिन उसकी बारीकियों पर फोकस करें और उसे दिगाम में बिठाने का प्रयास करें। लिख कर नोट्स बनाने भी अच्छा आयडिया है। इससे चीजें मस्तिष्क में अंकित हो जाती हैं।

    लिख कर रख लेना है अच्छा

    यह सोचने के बजाय कि आपको चीजें समय पर याद आ जाएंगी, उन्हें पॉकेट नोटबुक में लिख लेना बेहतर है। इससे भूलने का खतरा नहींरहेगा। अगर लिखना नहींचाहती हैं तो अपने पॉकेट ऑडियो रिकार्डर में रिकार्ड कर लें। इससे आपको उसे पढ़ने के लिए चश्मा तलाशने की जहमत नहींउठानी पड़ेगी।

    स्मार्टफोन करेंगे मदद

    इतनी सारी तारीखें याद रखना मुश्किल कार्य है, तो क्यों न यह बोझ कुछ हल्का कर लें। स्मार्टफोन और टेबलेट में मौजूद कैलेंडर और रिमाइंडर टूल्स पर भी भरोसा कर सकती हैं। इस तरह आपको जरूरी तारीखें या कार्य भूल जाने की समस्या से जूझना नहींपड़ेगा।

    याद रखने की ट्रिक

    किसी काम को याद रखने का एक अच्छा तरीका है कि उसे अन्य किसी काम, वस्तु या घटना से जोड़ लें, जैसे सुबह दवा लेना याद नहींरहता, तो अच्छा होगा कि दवाओं का प्रिस्क्रिप्शन टूथब्रश के समीप रखें। जब आप सुबह टूथब्रश करने जाएंगी, तो प्रिस्क्रिप्शन देखकर आपको दवाई लेने की याद आ जाएगी। इसी प्रकार रात को सोने से पहले टूथब्रश के बाद आपको दवाई लेना याद रहेगा।

    मेहनत से ही बनेगी बात

    स्मरण शक्ति और याददाश्त को अच्छा बनाए रखने के लिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल कर लोगों से मेलजोल बढ़ाएं और नयी चुनौतियां स्वीकार करें। वैज्ञानिक भी कहते हैं कि जिस तरह शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए व्यायाम जरूरी है, उसी प्रकार मस्तिष्क को एक्टिव बनाए रखने के लिए भी जरूरी है एक्सरसाइज। जिस तरह शारीरिक व्यायाम से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, उसी प्रकार मानसिक व्यायाम से स्मरण शक्ति और याददाश्त बेहतर बनती है।

    दिमाग पर जोर डालें

    नयी चुनौतियां स्वीकार करना जैसे कोई नयी भाषा सीखना मुश्किल तो होगा, पर उसके फायदे भी उतने ही अधिक होंगे। ऐसे नए अनुभवों के लिए सदा तैयार रहें, जिनसे आपको दुनिया को एक अलग नजरिए से देखने और नयी चीजें करने का मौका मिल सके।

    कंफर्ट जोन से बाहर निकलें

    समय-समय पर अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने से आपकी मानसिक क्षमताओं को चुनौती मिलती है। उदाहरण के लिए किसी ऐसे शहर की यात्रा करें, जहां आप पहले कभी न गयी हों। वहां के अनजाने माहौल को समझने और सामंजस्य बिठाने के लिए आपको थोड़ी मेहनत करनी होगी। अपनी दुनिया को जरूरत से ज्यादा सीमित करने की प्रवृत्ति छोड़ इस तरह आप अपनी दुनिया को विस्तृत कर सकेंगी।

    सामाजिक बनें

    सामाजिक व मानसिक रूप से खुद को अलग-थलग कर लेने से आप अपनी मुश्किलें बढ़ा लेंगी। इससे आपकी मानसिक क्षमता क्षीण होने लगेगी। साथ ही अगर आप लोगों से मिलें-जुलेंगी नहीं, तो वे भी आपसे दूरी बना लेंगे और मस्तिष्क की क्रियाशीलता शिथिल पड़ने लगेगी।