नई दिल्ली, संजय सावर्ण। हाल ही में संपन्न हुए एफआईएच हॉकी वर्ल्ड कप 2023 (FIH Men's Hockey World Cup 2023)में भारतीय हॉकी टीम ने कप्तान हरमनप्रीत सिंह (Harmanpreet Singh) की अगुआई में निराशाजनक प्रदर्शन किया। भारतीय टीम को 16 टीमों में अर्जेंटीना के साथ संयुक्त रूप से नौवां स्थान प्राप्त हुआ। टीम के इस लचर प्रदर्शन के बारे में पूर्व हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद (Ashok Dhyan Chand) ने दैनिक जागरण से बात की।

हॉकी विश्व कप में भारत के लचर प्रदर्शन के बाद Ashok Dhyan Chand ने दिया बयान

दरअसल, पूर्व हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद ने दैनिक जागरण से बात करते हुए कहा कि इस वर्ल्ड कप में हमारे खिलाड़ियों ने औसत दर्जे की हॉकी खेली और इसके परिणाम स्वरूप ही ऐसा रिजल्ट सामने आया। हरमनप्रीत सिंह पेनाल्टी कार्नर के अव्वल दर्जे के खिलाड़ी हैं लेकिन वो बहुत ज्यादा सफल नहीं हो पाए। हमारे दूसरे कई खिलाड़ियों को तो पता भी नहीं लगा कि वो कहां पर खेल रहे थे। थोड़े-बहुत खिलाड़ियों ने जज्बा दिखाया और उसमें मैं एक नाम आकाशदीप का लूंगा जिन्होंने बहुत अच्छी हॉकी खेली।

इस वक्त टीम में आकाशदीप को छोड़कर कोई मुझे उस लेवल का खिलाड़ी नजर नहीं आता। टीम में जो कुछेक अनुभवी खिलाड़ी हैं उनकी मौजूदगी से लाभ तो हुआ, लेकिन उसका फायदा अन्य खिलाड़ी नहीं उठा पाए। आज के जमाने में हॉकी में सबसे बड़ा हथियार पेनाल्टी कार्नर है जिसमें हम फेल रहे।

टीम सेलेक्शन को लेकर पूर्व हॉकी खिलाड़ी ने क्या कहा?

टीम सेलेक्शन को लेकर उन्होंने कहा कि इस टीम में रमनदीप सिंह का चयन किया जाना चाहिए था जो टीम के लिए गोल करने वाले खिलाड़ी थे। भारत में घरेलू टूर्नामेंट कम होते हैं और कई प्रतियोगितों में यह खिलाड़ी खेलते नहीं हैं। इनका कैंप होता है और विदेशी कोच इन्हें प्रैक्टिस करवाते हैं और संभावित खिलाड़ियों में से टीम का चयन कर लिया जाता है। खिलाड़ी को खेल का ज्ञान होना चाहिए, चालाकी होनी चाहिए, हुनर चाहिए जिससे कि वो गोल कर सकें।

कप्तान हरमनप्रीत सिंह के बारे में उन्होंने कहा कि वह बहुत दवाब में दिखे और इसका असर टीम पर भी पड़ा। किस जगह खेल को स्लो करना है या तेजी से खेलना है इस समझ की कमी दिखी। हम हमेशा आक्रामक रहे जो कारगर नहीं रहा। भारतीय हॉकी में असाधारण खिलाड़ियों की जरूरत है जिसकी कमी साफ तौर पर दिखती है। पिछले 48 साल से हम इस टूर्नामेंट में हारते चले आ रहे हैं और एक बार फिर से मेडल का इंतजार लंबा हो गया। भारतीय हॉकी को और मजबूत बनाने के लिए खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट खेलने की जरूरत है।

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Edited By: Priyanka Joshi