'शादी का झांसा देकर करता रहा दुष्कर्म', आरोपी ऊना SDM अभी भी फरार; गिरफ्तारी के लिए एसआईटी गठित
हिमाचल में ऊना के एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। 23 सितंबर को मामला दर्ज होने के बाद से एसडीएम फरार है और उसके फोन भी बंद हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी ऊना ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है जो उसके संभावित ठिकानों पर छापामारी करेगा।

जागरण संवाददाता, ऊना। दुष्कर्म के आरोपित ऊना के एसडीएम की गिरफ्तारी के लिए एसपी ऊना यादव ने एसआइटी (विशेष जांच दल) गठित की है। एसआइटी का जिम्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा को सौंपा गया है।
ऊना मुख्यालय पर तैनात एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर एक युवती ने 23 सितंबर को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एसडीएम के विरुद्ध मामला दर्ज किया।
मामला दर्ज होने के बाद एसडीएम ऊना से गायब हो गया और उसके दोनों मोबाइल फोन भी बंद हैं। आरोपित हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा का 2017 बैच का अधिकारी है और सिरमौर जिले का रहने वाला है। एसआइटी अब एसडीएम की गिरफ्तारी के लिए उसके संभावित ठिकानों पर दबिश देगी। एसपी ने एसआइटी प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द आरोपित अधिकारी को गिरफ्तार करें।
SDM पर ब्लैकमेल कर दुष्कर्म का आरोप
ऊना की युवती ने एसडीएम पर वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर कई बार शारीरिक शोषण करने की शिकायत दर्ज करवाई है। ताइक्वांडो खिलाड़ी युवती ने शिकायत में बताया था कि एसडीएम ऊना के साथ उसकी बातचीत इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हुई।
इसके बाद एसडीएम ने उसे कार्यालय में बुलाया और कहा कि वह उससे शादी करना चाहता है। बाद में कोर्ट चैंबर में उसके साथ जबरन संबंध बनाए और वीडियो बनाया। बाद में 10 अगस्त को सरकारी रेस्ट हाउस में भी दुष्कर्म किया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसने 28 अगस्त को राष्ट्रीय महिला आयोग के पास आनलाइन शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसकी जानकारी आठ सितंबर को मिलने के बाद आरोपित ने उसे धमकाना शुरू कर दिया और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगा।
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हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इनकार
25 सितंबर को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में एसडीएम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए जमानत देने से इन्कार कर दिया जिसमें यह निर्धारित किया था कि दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
साथ ही कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। 26 सितंबर को हाई कोर्ट में हुई दूसरी सुनवाई में भी एसडीएम को कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले अंतरिम जमानत देने के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं है। एसडीएम की याचिका पर सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी।
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