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    Himachal: यहां भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रही गोबिंदसागर झील, चारों ओर से पानी में घिरा बाबा गरीब नाथ मंदिर बना आकर्षण

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 05:01 PM (IST)

    Baba Garib Nath Temple ऊना हिमाचल प्रदेश में गोबिंदसागर झील से घिरा बाबा गरीब नाथ मंदिर प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक आस्था का संगम है। दो दशक पहले निर्मित यह मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है जहाँ भक्त आशीर्वाद और बीमारियों से मुक्ति पाने आते हैं। विशेष रूप से बरसात के मौसम में झील का पानी शिवलिंग का जलाभिषेक करता है जो देखने में अद्भुत लगता है।

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    गोबिंदसागर झील में चारों ओर जल से घिरा अंदरोली का बाबा गरीब नाथ मंदिर।

    जीएस जस्सल, बंगाणा (ऊना)। Baba Garib Nath Temple, देवभूमि हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला का बाबा गरीब नाथ मंदिर गोबिंदसागर झील में चारों ओर से पानी में घिर गया है। राधा अष्टमी पर रविवार को इसकी खूबसूरती काफी मनमोहक लग रही थी। रायपुर पंचायत के अंदरोली गांव में स्थित यह मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर अपनी अनोखी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है।

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    चारों ओर से गोबिंदसागर झील के नीले पानी से घिरे इस मंदिर का दृश्य मानो किसी अद्भुत लोक की झलक प्रस्तुत करता है। विशेषकर बरसात के मौसम में जब झील का पानी बढ़ता है तो भोले शंकर की प्रतिमा का स्वयं जलाभिषेक करता है। यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम पेश करता है।

    लोगों की आस्था का प्रतीक है मंदिर

    करीब दो दशक पहले निर्मित इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की विशाल प्रतिमा स्थापित है। मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, बल्कि भूत-प्रेत बाधा, पिशाच दोष और कई रोगों से भी मुक्ति पाते हैं। यही कारण है कि मंदिर में स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

    रविवार व विशेष अवसर उमड़ती है भीड़

    रविवार और अन्य विशेष अवसरों पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु झील के पानी से घिरे इस अनोखे मंदिर का दीदार करने के साथ-साथ कुदरत के अद्भुत नजारों का आनंद भी लेते हैं। मंदिर के पास से झील की लहरें जब टकराती हैं तो वहां की फिजा और भी मनमोहक हो जाती है।

    सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत

    पर्यटन की दृष्टि से यह स्थल अपार संभावनाएं समेटे हुए है। यदि प्रदेश सरकार और पर्यटन विभाग यहां उचित बुनियादी ढांचा और सुविधाएं विकसित करें तो यह स्थल न केवल श्रद्धालुओं बल्कि प्रकृति प्रेमियों और सैलानियों के लिए भी आकर्षण का बड़ा केंद्र बन सकता है। जल-पर्यटन, बोटिंग, प्राकृतिक दृश्यावलोकन और धार्मिक पर्यटन के रूप में इसे और अधिक विकसित किया जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए बोट ही विकल्प है।

    आस्था और प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा उदाहरण

    स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा गरीब नाथ मंदिर और गोबिंदसागर झील का यह संगम धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सुंदरता का ऐसा अनोखा उदाहरण है, जो पूरे प्रदेश में कहीं और नहीं मिलता। यही कारण है कि हर बार यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक एक अद्भुत अनुभव अपने साथ लेकर लौटते हैं।

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    अंदरोली का यह स्थल आज धार्मिक आस्था और प्राकृतिक पर्यटन का अनमोल धरोहर बन चुका है। जरूरत है तो बस इसे संगठित और योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने की, ताकि इसकी खूबसूरती और प्रसिद्धि देश-दुनिया तक पहुंच सके।

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