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    चिंतपूर्णी में बेनामी संपत्ति के डमी मालिकों में मचा हड़कंप

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    Updated: Wed, 16 Nov 2016 10:45 AM (IST)

    बेनामी संपत्ति को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के बयान के बाद प्रस‍ि‍द्ध शक्‍तिपीठ च‍िंतपूर्णी में भी आलीशान सराय व धर्मशालाओं के प्रबंधकों व डमी मालिकों में हड़कंप मच गया है।

    चिंतपूर्णी [जेएनएन] : बेनामी संपत्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद धार्मिक नगरी एवं प्रसिद्ध शक्तिपीठ चिंतपूर्णी में भी आलीशान सराय व धर्मशालाओं के प्रबंधकों व डमी मालिकों में हड़कंप मच गया है। इस कारण कई भवन मालिकों ने चिंतपूर्णी में डेरा डाल दिया है और संभावित कार्रवाई को देखते हुए ऐसे लोग असमंजस में नजर आ रहे हैं। उधर, स्थानीय प्रशासन ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार के जो भी आदेश होंगे, उनका पालन किया जाएगा।

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    चिंतपूर्णी व आसपास के क्षेत्रो में करीब 80 से ज्यादा ऐसी बहुमंजिला सराय व भवनों का निर्माण कुछ लोगों द्वारा पैसे व पहुंच के दम पर किया गया है। बताया जाता है कि नियमों को ठेंगा दिखाकर चिंतपूर्णी, नारी, रेही, मिरगू, भरवाईं, किन्नू, गंगोट व धर्मसाल महंता आदि जगहों पर बाहरी राज्यों के लोगों ने बेनामी संपत्ति खड़ी की है। अगर जमीन व भवनों की कीमत को आपस में जोड़ दिया जाए तो इन कुल भवनों का मूल्य करोड़ों नहीं अरबों रुपये में पहुंच जाएगा।

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    धर्म व सेवा के नाम पर ट्रस्ट बनाकर व फर्जी लोगों के नाम पर खरीदी गई जमीन जिला कांगड़ा व ऊना के अधीन है। हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों के लोगों को जमीन खरीदने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद मोटी कमाई की गुंजाइश देखकर चिंतपूर्णी में कई धनाढ्य लोगों ने कमाई का जरिया बनाया हुआ है। ऐसे लोगों ने यहां धारा 118 का उल्लंघन कर डमी मालिक तो खड़े कर दिए है, लेकिन अगर प्रधानमंत्री के बयान के बाद ऐसे लोग सकते में आ गए हैं। बताते हैं कि कई डमी मालिकों के पास एक से ज्यादा भवन हैं और साठ से अस्सी कमरों वाले ऐसी इमारतों की कीमत ही इतनी है, उनका जबाव देना मालिकों को मुश्किल हो जाएगा। चिंतपूर्णी के साथ-साथ ऐसी स्थिति प्रसिद्ध धार्मिकस्थल मैड़ी में भी है, जहां पर भी बड़ी संख्या में ऐसे भवनों का निर्माण हुआ है। उधर, भरवाईं तहसील के राजस्व अधिकारी रणिया राम का कहना है कि अगर सरकार आदेश देगी तो नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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    दैनिक जागरण ने प्रमुखता से मामला उठाया था

    वर्ष 2007 में 'दैनिक जागरण' ने बेनामी संपति मामले को प्रमुखता के साथ उठाया था और स्थानीय प्रशासन ने जिला ऊना की सीमा के भीतर के 17 भवनों को अवैध चिह्नित किया था। बाद में चिह्नित अवैध भवनों पर भी कोई कार्रवाई प्रशासनिक स्तर पर नहीं हुई थी।

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