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    ऊना के अंशिका मर्डर केस के आरोपी ने किए कई खुलासे, फौजी ने सेना से मिले चाकू से की थी हत्या; बाद में जलाया शव

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 04:37 PM (IST)

    ऊना के बंगाणा में अंशिका हत्याकांड में आरोपी फौजी प्रवेश कुमार ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने 23 सितंबर की रात अंशिका की गला रेतकर हत्या की और शव को जला दिया। प्रवेश के अनुसार अंशिका लगातार पैसों की मांग कर रही थी और पहले ही 8 लाख रुपये खर्च कर चुकी थी। इसी तनाव में उसने हत्या की साजिश रची। प्रवेश विवाहित था।

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    ऊना के अंशिका मर्डर केस में किए गए कई खुलासे

    जागरण संवाददाता, गगरेट (ऊना)। ज़िला ऊना के बंगाणा की उप तहसील जोल की बैरियां पंचायत में 24 वर्षीय अंशिका की सनसनीखेज हत्या के मामले में पुलिस रिमांड पर चल रहे फौजी आरोपित प्रवेश कुमार ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। प्रवेश ने स्वीकार किया है कि उसने 23 सितंबर की रात अंशिका को बुलाकर सेना से मिले धारदार चाकू से दो बार गला रेतकर उसकी हत्या की और पहचान मिटाने के लिए अपनी बाइक से पेट्रोल निकालकर शव को जला दिया।

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    प्रवेश ने पुलिस को बताया कि अंशिका उससे लगातार पैसों की मांग कर रही थी। एटीएम कार्ड उसके पास था और करीब 8 लाख रुपये वह पहले ही खर्च कर चुकी थी, फिर भी और पैसों के लिए दबाव बना रही थी। इसी झगड़े और तनाव से तंग आकर उसने युवती को रास्ते से हटाने की साजिश रची और योजनाबद्ध तरीके से हत्या को अंजाम दिया।

    मामले की पृष्ठभूमि भी उतनी ही पेचीदा है। प्रवेश पहले से विवाहित था और तलाक के बाद अंशिका के प्रेम प्रसंग में आया। दोनों के रिश्ते गहराते गए और उन्होंने कोर्ट मैरिज भी कर ली, लेकिन दोनों परिवारों ने इस रिश्ते को स्वीकार नहीं किया। बाद में परिवारों के बीच मतभेद खत्म होने के बाद 24 सितंबर को सामाजिक रीति से शादी तय हुई थी। परिजन डोली उठाने की तैयारियों में थे, लेकिन उससे एक दिन पहले ही 23 सितंबर की रात अंशिका की बेरहमी से हत्या कर दी गई।

    पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि हत्या के लिए प्रवेश ने वही चाकू इस्तेमाल किया जो उसे सेना में प्रशिक्षण के दौरान मिला था, जहां दुश्मन को मारने का तरीका सिखाया जाता है। पहचान छिपाने के लिए उसने बाइक से पेट्रोल निकालकर शव को जला दिया ताकि चेहरा पहचान में न आए।

    इस मामले में पुलिस ने प्रवेश के साथ उसके चाचा संजीव कुमार को भी आरोपित बनाया है, जो सेवा निवृत्त फौजी हैं। जांच में सामने आया है कि संजीव हत्याकांड में शामिल नहीं था, लेकिन हत्या के बाद प्रवेश ने सारी बात उसे बताई और उसने उसे जम्मू तक पहुंचाने में मदद की।

    पूरे गांव में इस वारदात को लेकर गुस्सा और सदमा है। जहां 24 सितंबर को अंशिका की डोली उठनी थी, वहीं 25 सितंबर को उसकी अर्थी उठी। लोग आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। एएसपी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि सभी साक्ष्य जोड़े जा रहे हैं और मामले की गहनता से जांच जारी है।