कसौली दुष्कर्म केस: हरियाणा BJP अध्यक्ष की फिर बढ़ी मुश्किलें, पीड़िता ने अब सेशन कोर्ट में लगाई इंसाफ की गुहार
हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहनलाल बडौली की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं। कसौली दुष्कर्म मामले में पुलिस द्वारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट को शिकायतकर्ता ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी है। साक्ष्यों के अभाव में कसौली कोर्ट ने इस मामले को बंद कर दिया था। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसे इंसाफ नहीं मिला है और वह इस लड़ाई को जारी रखेगी।
संवाद सहयोगी, सोलन। हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली (Mohan Lal Badoli) की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। बडौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ पुलिस थाना कसौली में दर्ज दुष्कर्म (Kasauli Rape Case) मामले में साक्ष्यों के अभाव के चलते कसौली कोर्ट (Kasauli Court) द्वारा कैंसलेशन रिपोर्ट (सीआर) के बाद बंद किए गए मामले को अब शिकायतकर्ता ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी है।
ऑफिस रिपोर्ट के बाद उसे लेकर समन जारी होंगे। मंगलवार को ही शिकायतकर्ता के वकील ने इस बाबत याचिका दायर की है। कानून विशेषज्ञों की माने तो कैंसलेशन रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान या तो उसको रद किया जा सकता है या फिर आगे सुनवाई चल सकती है।
दिल्ली की महिला ने लगाए थे आरोप
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी एक महिला ने बीते वर्ष दिसंबर माह में पुलिस थाना कसौली (Kasauli Rape Case) में शिकायत दी थी कि कसौली के एक होटल में जुलाई, 2023 में मोहन लाल बडौली व राॅकी मित्तल ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। महिला के साथ ले जाकर होटल में छानबीन की गई। उसे मेडिकल के लिए ले जाया गया, लेकिन उसने मेडिकल करवाने से मना कर दिया था।
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उसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों से हरियाणा जाकर पूछताछ भी की थी। हालांकि, पुलिस इस मामले को शुरू से ही कमजोर बता रही थी। डेढ़ वर्ष पहले के मामले में पुलिस को कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले।
महिला की सहेली ने किया इनकार
शिकायतकर्ता महिला द्वारा गवाह बनाई उसकी सहेली ने भी दुष्कर्म जैसी घटना से साफ इनकार कर दिया था। ऐसे में पुलिस ने मामले में कैंसलेशन रिपोर्ट कोर्ट में डाल दी थी। 18 फरवरी को कसौली कोर्ट में उस पर सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता को छह मार्च को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे, लेकिन वह नहीं पहुंची।
उसके बाद 12 मार्च को फिर से उसको पेश होने के लिए समन जारी हुए थे, लेकिन उस पर भी वह पेश नहीं हुई। जिसके बाद कोर्ट ने मामले को बंद कर दिया था।
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