Himachal News: चिट्टा तस्करी से पंजाब निवासी ने खरीदी दो लग्जरी कारें व प्लॉट और फ्लैट, सोलन पुलिस ने किए जब्त
Himachal Pradesh Police सोलन पुलिस ने नशा कारोबारियों की कमर तोड़ते हुए 86 लाख की अवैध संपत्ति जब्त की है। परवाणू पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले की वित्तीय जाँच में यह खुलासा हुआ। चिट्टा तस्कर संदीप कुमार जो पंजाब हरियाणा और हिमाचल में नशा सप्लाई करता था उसकी संपत्ति जब्त की गई। इसमें प्लॉट गाड़ियां और नकदी शामिल है।

संवाद सहयोगी, सोलन। Himachal Pradesh Police, हिमाचल प्रदेश की जिला सोलन पुलिस ने तस्करों की नशे के कारोबार से अर्जित 86 लाख रुपये की अवैध संपत्तियों को जब्त किया है। जिला पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट के तहत पुलिस थाना परवाणू में दर्ज किए गए एक मामले में की जा रही फाइनेंसियल इन्वेस्टिगेशन के दौरान इस मामले में संलिप्त आरोपितों व सहयोगियों की लगभग 86 लाख रुपये की संपति जब्त की है। इसमें मकान, जमीन ,प्लॉट, लग्जरी गाड़ी व नकदी आदि शामिल है।
इसकी पुष्टि एसपी सोलन गौरव सिंह ने की है। उन्होंने बताया कि नौ जुलाई की रात्रि को जब पुलिस थाना परवाणू की टीम गश्त पर थी। उस दौरान गुप्त सूचना के आधार पर आरोपित रॉकी कुमार निवासी समीप शनिदेव मंदिर भैरों की सेर टिपरा, तहसील कालका, जिला पंचकूला, हरियाणा को 25 ग्राम चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया गया था। उस चिट्टे को वह परवाणू क्षेत्र में युवाओं को चिट्टा बेचने की फिराक में था।
पंजाब के जीरकपुर से खरीदा था चिट्टा
इस पर पुलिस थाना परवाणू में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 के तहत मामला पंजीकृत किया गया था। मामले की आगामी जांच भौतिक व तकनीकी साक्ष्यों के अन्वेषण के दौरान पाया गया कि उससे जो चिट्टे की खेप बरामद की गई थी, वह उसने जीरकपुर, पंजाब से चिट्टे के बड़े तस्कर संदीप नाम के व्यक्ति से खरीदा था। रॉकी पिछले एक वर्ष से संदीप से चिट्टा खरीद रहा था, जिसे वह ग्राहकों को बेच देता था।
खातों से लाखों रुपये का किया था भुगतान
जांच में यह भी पाया गया कि आरोपित ने चिट्टा खरीदने के लिए उसके खातों में लाखों रुपये जमा किए थे। इस पर पुलिस थाना परवाणू की टीम द्वारा चार अगस्त को उस मामले में चिट्टे के मुख्य सप्लायर संदीप कुमार उर्फ़ अर्जुन उर्फ़ शांति निवासी एकता कालोनी भैरों की सेर कालका, तहसील कालका, जिला पंचकूला, हरियाणा मूल निवासी हिसार, हरियाणा को बैकवर्ड लिंकेज्स के आधार पर गिरफ्तार किया था।
दूसरे के मोबाइल नंबर का उपयोग करता था आरोपित
जांच में पाया गया की नशा तस्करी के इस नेटवर्क को संचालित करने के लिए आरोपित संदीप जानबूझकर किसी दूसरे व्यक्ति के नाम की सिम का उपयोग करता था, ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके। नशे का कारोबार संचालित करने के लिए वह फेडरल बैंक के खाते का संचालन कर रहा था, जिसमें आरोपित रॉकी कुमार द्वारा चिट्टा बेचने के बाद बड़ी मात्रा में नकदी जमा करनी पाई गई।
संदीप कुमार चिट्टे का किंगपिन
जांच में सामने आया कि वह चिट्टे का किंगपिन है, जो पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित हिमाचल में लंबे समय से चिट्टे की सप्लाई कर रहा था। उसके खिलाफ पुलिस थाना ढली में भी चिट्टे का एक मामला दर्ज है। आरोपित सोलन, शिमला जिलों के तस्करों को काफी समय से चिट्टे की पूर्ति कर रहा था।
नशे के कारोबार से जुटाई लाखों की संपत्ति
मामले में मादक पदार्थ अधिनियम के प्रविधानों के तहत फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन की गई। उसमें पाया गया कि मुख्य सरगना संदीप कुमार उर्फ़ अर्जुन उर्फ़ सैंडी ने चिट्टे की तस्करी की कमाई से अपने व अपने परिवार के नाम पर रेजिडेंशियल प्लॉट्स, लग्जरी गाड़ियां व नकदी अर्जित की है।
इनमें एक विटारा एलडीआई, एक हुंडई क्रेटा, एक मोटर साइकिल रॉयल एनफील्ड 350 सीसी, एक प्लाट 50 वर्ग गज, जिसमें भेरों की सेर में स्थित निर्मित मकान व लगभग 100 वर्ग गज का एक अन्य प्लाट डेराबस्सी, पंजाब में है, वहां भी एक निर्मित मकान है। आरोपित संदीप कुमार द्वारा नशा तस्करी से अर्जित की गई संपत्ति जिसकी कुल कीमत 86 लाख रुपये है को जब्त किया गया है।
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10 माामलों में अब तक नौ करोड़ की संपत्ति जब्त
इसके अतिरिक्त जिला सोलन पुलिस द्वारा नशा तस्करों की संपत्ति की जब्ती की प्रक्रिया पहली बार वर्ष 2024 में की, जो लगातार जारी है, जो जिला पुलिस द्वारा पिछले एक वर्ष में अभी तक 10 मामलों में 32 आरोपितों व सहयोगियों की नौ करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इनमें से दो मामले चरस के है, जिनमें एक अभियोग में करीब 37 किलो हाई क्वालिटी चरस थी, जबकि आठ मामले चिट्टा तस्करी के है।
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