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    Himachal: जिला सिरमौर में 31 पंचायत जनप्रतिनिधियों पर हुई कार्रवाई, शिलाई का आंकड़ा सबसे ज्यादा

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 05:20 PM (IST)

    Himachal Panchayat News सिरमौर जिले में पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत 18 पंचायतों के 31 जनप्रतिनिधियों को निलंबित एवं निष्कासित किया गया है। यह कार्रवाई जनवरी 2021 से 15 सितंबर 2025 तक की गई। सबसे अधिक मामले शिलाई विधानसभा क्षेत्र में सामने आए हैं जहाँ 19 पंचायत जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई हुई।

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    सिरमौर जिला में 31 पंचायत जनप्रतिनिधि निलंबित एवं निष्कासित हुए। प्रतीकात्मक फोटो

    राजन पुंडीर, नाहन। Himachal Panchayat News, हिमाचल प्रदेश के सबसे पुराने जिलों में शुमार सिरमौर में पंचायती राज के इस सत्र के 4 वर्ष 8 महीनों में 18 पंचायतों के 31 जनप्रतिनिधि निलंबित एवं निष्कासित किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश में जनवरी 2021 में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हुए थे। जनवरी 2021 से 15 सितंबर 2025 तक जिला सिरमौर की 259 पंचायतों में से 18 पंचायतों के 31 जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई हुई।

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    भाजपा के कार्यकाल में पांच, कांग्रेस सरकार ने 26 पर की कार्रवाई

    इसमें भाजपा सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में 5 पंचायत प्रतिनिधि निलंबित हुए, जबकि कांग्रेस सरकार के अढ़ाई वर्षों के कार्यकाल में 26 पंचायत जनप्रतिनिधि निलंबित और निष्कासित किए गए हैं। इसमें सबसे बड़ा आंकड़ा शिलाई विधानसभा क्षेत्र का है।

    शिलाई में सबसे ज्यादा आंकड़ा

    अकेले शिलाई विधानसभा क्षेत्र में 19 पंचायत जनप्रतिनिधि निलंबित या निष्कासित किए गए हैं। श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र में पांच, नाहन में चार, पच्छाद में दो तथा पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में एक पंचायत प्रतिनिधि पर कार्रवाई हुई।

    इन पंचायत प्रतिनिधियों पर हुई कार्रवाई

    पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितताओं के चलते कोटी धीमान पंचायत प्रधान इंदिरा देवी, उपप्रधान सुरेंद्र सिंह तथा वार्ड सदस्य कुलदीप सिंह को मार्च 2022 में निलंबित किए गए। काटली पंचायत प्रधान धर्मपाल को 18 अगस्त 2022 को 6 महीने के लिए निलंबित किया गया था। हल्लाह पंचायत प्रधान समित देवी को 18 अगस्त 2022 को निलबिंत और 12 अक्टूबर 2023 को पद से निष्कासित किया गया।

    2023 में इन पर हुई कार्रवाई

    कोटी उतरऊ पंचायत प्रधान उषा देवी, वार्ड सदस्य इंदिरा देवी, वार्ड सदस्य कंवर सिंह और सतपाल शर्मा को आठ अगस्त 2023 को निलंबित किया गया। पिपलीवाला पंचायत प्रधान सफी मोहम्मद को चुनाव के दौरान झूठा हलफनामा दायक करने पर अयोग्य घोषित किया गया था, जिसके बाद 26 दिसंबर 2023 को पद से निष्कासित किया गया। मातर पंचायत उप प्रधान लियाकत अली को वन भूमि पर कब्जा करने के चलते 21 अक्टूबर 2023 को निष्कासित किया गया। जरवा जुनेली पंचायत प्रधान आशा देवी को 6 दिसंबर 2023 निलंबित किया गया।

    2024 में इन जनप्रतिनिधियों पर एक्शन

    संगडाह पंचायत प्रधान नीलम 9 मई 2024 को निलंबित तथा फरवरी 2025 को प्रधान पद से निष्कासित किया गया। नाया पंजौड पंचायत प्रधान लायक राम 24 जुलाई 2024 को निलंबित तथा 6 सितंबर 2025 को प्रधान से निष्कासित किया गया। कठवाड पंचायत प्रधान महेंद्र सिंह को 24 जुलाई 2024 को निलंबित तथा 25 मार्च 2025 को पद से निष्कासित किया गया।

    शिलांजी पंचायत सदस्य सुभाष को पंचायत सदस्य 26 जून 2025 को निष्कासित किया गया। पंजाहल पंचायत वार्ड सदस्य सुमन देवी को 20 सितंबर 2024 को निलंबित किया गया तथा जांच पूरी होने के बाद 11 मार्च 2025 को आरोप से मुक्त कर दिया गया। लानी बोराड़ पंचायत प्रधान रमेश कुमार, वार्ड सदस्य कपिल राणा व आशा देवी को भी सितंबर 2024 में निलंबित किया गया। कोटी धीमान पंचायत प्रधान इंदिरा देवी को 27 सितंबर 2024 को निलंबित किया गया।

    निलंबन के बाद निष्कासन

    आशयाड़ी पंचायत में उप प्रधान को छोड़कर बाकी सभी को 4 नवंबर 2024 को पद निलंबित किया गया तथा 25 अगस्त 2025 को जांच पूरी होने के बाद पंचायत प्रधान अनिल कुमार, वार्ड सदस्य सुषमा देवी, प्रदीप सिंह, कमलेश देवी, चंद्रकला और खजान सिंह 25 अगस्त 2025 को निष्कासित किया गया।

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    मिल्लाह पंचायत प्रधान देबो देवी और जरवा जुनेली पंचायत प्रधान आशा देवी को 6 सितंबर 2025 को पद से निष्कासित किया गया। नाहन पंचायत के उपप्रधान जयप्रकाश और बनेठी पंचायत के उपप्रधान राजकुमार को 14 दिन से अधिक समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के चलते 1 अगस्त 2025 को निलंबित तथा 6 सितंबर 2025 को पद से निष्कासित कर दिया गया।

    नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई

    सिरमौर के जिला पंचायत अधिकारी डॉ. विनय कुमार ने बताया कि भ्रष्टाचार व नियमों के उल्लंघन पर पंचायत जनप्रतिनिधियों के खिलाफ शिकायत एवं जांच के बाद निलंबन व निष्कासन की कार्रवाई की जाती है।

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