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    प्रसंस्करण से रुकेगी फल-सब्जियों की बर्बादी : डॉ. जोशी

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    Updated: Sat, 02 Aug 2014 07:29 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, सोलन : डॉ. यशवंत सिंह परमार यूनिवर्सिटी नौणी के फूड साइंस एंड टेक्नोलाजी विभाग की ओर से शनिवार को जनजातीय किसान व बागवानों के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें चंबा जिला के पांगी व भरमौर और किन्नौर जिला के किसानों ने भाग लिया। किसान सम्मेलन का उद्घाटन परमार विवि के कुलपति डॉ. विजय सिंह ठाकुर ने किया। अपने संबोधन में किसानों से कहा कि यहां दिए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्रों की फसलों में वेल्यू एडिशन करे, जिसकी सही मार्केटिंग कर अच्छी आय कमाई जा सकती है। उन्होंने किसानों से जलसंरक्षण करने की अपील भी की ताकि फसलों के लिए सिंचाई की दिक्कत न रहे।

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    इससे पूर्व फूड साइंस एंड टेक्नोलाजी विभाग के एचओडी डॉ. वीके जोशी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में कुल फल व सब्जी उत्पादन का 15 से 20 फीसद बर्बाद होता है, जिसे प्रसंस्करण के माध्यम से इस बर्बादी को रोक सकते है। प्रोजेक्ट प्रभारी डॉ. देवना वैद्य ने इस परियोजना की जानकारी दी और बताया कि जनजातीय क्षेत्र के लोग किस प्रकार इससे लाभांवित हो सकते है। उन्होंने बताया कि एक दिवसीय सम्मेलन के बाद किसानों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. एनबी सिंह ने किसानों को नवीनतम टेक्नोलाजी अपनाने की अपील की। संयुक्त निदेशक कमलेश कंवर ने जनजातीय क्षेत्रों की समस्याओं पर प्रकाश डाला और यूनिवर्सिटी के शोध कार्यो की जानकारी दी।

    इस मौके पर डीन कॉलेज ऑफ हार्टीकल्चर डॉ. जेपी शर्मा, डीन फारेस्ट्री डॉ. जीएस शमेट, डॉ. अनिल वर्मा, डॉ. मनीषा, डॉ. अनिल सूद, डॉ. वाइपी गुप्ता, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. पीएस चौहान व अन्य मौजूद रहे।