हिमाचल: GST विंग परवाणु ने 941 करोड़ के फर्जी बिल और फ्रॉड टैक्सपेयर्स का पर्दाफाश किया, AI के जरिये की दस्तावेज से छेड़छाड़
हिमाचल प्रदेश राज्य कर विभाग के साउथ जोन जीएसटी विंग परवाणु ने 941.39 करोड़ रुपये के फर्जी बिल और धोखाधड़ी टैक्सपेयर्स का पर्दाफाश किया है। टीम ने 170 ...और पढ़ें

जीएसटी विंग परवाणु ने धोखाधड़ी का मामला पकड़ा है। प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, नाहन। हिमाचल प्रदेश राज्य कर विभाग के साउथ जोन जीएसटी विंग परवाणु की टीम ने 941.39 करोड़ रुपये के फर्जी बिल और धोखाधड़ी टैक्सपेयर्स का पर्दाफाश किया है। साथ ही 170 करोड़ रुपये की जीएसटी धोखाधड़ी को भी रोका है। साउथ जोन जीएसटी विंग परवाणु का अधिकार क्षेत्र सिरमौर, शिमला, सोलन और किन्नौर जिलों पर है।
विभाग की टीम ने इन जिलों में उन फर्जी और धोखेबाज टैक्सपेयर्स को पकड़ा है, जिन्होंने एआई टूल्स से छेड़छाड़ किए गए डॉक्यूमेंट्स जैसे बिजली के बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड, किराये के एग्रीमेंट, सहमति दस्तावेज, मोबाइल नंबर अपलोड करके बिना पहचान के जीएसटीआईएन रजिस्ट्रेशन करवाया था।
ई-स्टाम्प पेपर से भी छेड़छाड़
एफिडेविट के लिए इस्तेमाल किए गए ई-स्टाम्प पेपर से भी एआई द्वारा छेड़छाड़ करके बिजनेस परिसर के तौर पर इस्तेमाल किया गया।
फर्जी तौर पर आधार कार्ड व मोबाइल नंबर का उपयोग
जीएसटी विंग साउथ जोन परवाणु के ज्वाइंट कमिश्नर जीडी ठाकुर ने बताया कि जीएसटी अधिकारियों की जांच में, ऐसे मकान मालिक बिजनेस टर्नओवर के बारे में अनजान पाए गए जो पिछले 6 महीनों में उनके परिसर में किए गए थे। इस्तेमाल किए जा रहे आधार कार्ड और मोबाइल नंबर सफाई कर्मचारियों, माली और घरेलू नौकरों के पाए गए, जिन्हें उनकी आईडी प्रूफ पर किए जा रहे इतने बड़े बिजनेस टर्नओवर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
ऐसे 9 टैक्सपेयर्स में से 05 शिमला जिले से, 03 सोलन जिले से और 01 ऊना जिले से पाए गए। जिला सिरमौर में भी इस तरह की कार्रवाई चल रही है।
फर्जी टैक्सपेयर्स राजस्थान व तेलंगाना के
जीएसटी धोखाधड़ी करने वाले सभी फर्जी और धोखेबाज टैक्सपेयर्स तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक से बिजनेस करते पाए गए, दक्षिणी राज्यों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करके और 90 प्रतिशत बिक्री भी हिमाचल प्रदेश से इन राज्यों को दिखाई गई।
941.39 करोड़ रुपये का फर्जी बिजनेस किया
इन 09 टैक्सपेयर्स ने जीएसटी विभाग व सरकार को धोखा देकर 941.39 करोड़ रुपये का फर्जी बिजनेस किया। एचपी एसजीएसटी एक्ट 2017 की धारा 67 के तहत सर्च और जब्ती की कार्रवाई करने के बाद उनके जीएसटी को तुरंत प्रभाव से कैंसिल कर दिया गया है।
टैक्स पेयर्स की एक चेन
ऐसे टैक्स पेयर्स आमतौर पर जिला शिमला और सोलन जिला के अंदरूनी इलाकों में जीएसटीआईएन प्राप्त करते हैं। टैक्स पेयर्स की एक चेन जिला ऊना-हरोली में भी पाई गई है। उनके क्रेडिट लेजर में जो भी फर्जी क्लेम किया गया वह आईटीसी में उपलब्ध था, उसे ब्लॉक कर दिया गया है।
जीएसटीआईएन रजिस्ट्रेशन से पहले वास्तविकता को जांचें अधिकारी
जीएसटी विंग साउथ जोन परवाणु के ज्वाइंट कमिश्नर जीडी ठाकुर ने सभी सर्कल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह रजिस्ट्रेशन देने से पहले जीएसटीआईएन आवेदकों की वास्तविकता को वेरिफाई करें। कुछ आपराधिक तत्वों द्वारा फर्जी बिल/फर्जी रजिस्ट्रेशन का व्यापार सरकारी राजस्व को धोखा देने के लिए एक फ्रॉड बिल माफिया के रूप में फल-फूल रहा है।
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ऐसे और भी टैक्स पेयर्स हो सकते हैं जो इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके लिए सभी डिप्टी कमिश्नरों, असिस्टेंट कमिश्नरों और जीएसटी और एनफोर्समेंट के इंस्पेक्टरेट स्टाफ को सख्त निर्देश दिए गए हैं। ऐसे टैक्स अपराधियों की पहचान करने और ऐसे तत्वों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कार्रवाई अपनाकर उनके जीएसटीआईएन को कैंसिल करे।

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