ग्रेट खली के जमीन विवाद में हिमाचल सरकार की कार्रवाई, तहसीलदार की शक्तियां छीन SDM को सौंपी जांच, क्या है पूरा मामला?
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रेट खली से जुड़े जमीन विवाद में कार्रवाई करते हुए पांवटा साहिब के तहसीलदार की शक्तियां छीन ली हैं और एसडीएम को जांच सौंप दी ह ...और पढ़ें

रेसलर ग्रेड खली उर्फ दिलीप सिंह राणा और पांवटा साहिब के तहसीलदार ऋषभ शर्मा।
जागरण संवाददाता, नाहन। हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने जिला सिरमौर पांवटा साहिब के तहसीलदार की सब रजिस्टार की शक्तियां अगले आदेश तक छीन ली हैं। अंतरराष्ट्रीय रेसलर द ग्रेट खली और महिलाओं के आरोप के बाद सरकार व जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।
सिरमौर की उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने इस मामले की मुख्य सचिव के निर्देश के बाद जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। पांवटा साहिब के एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी।
इसी के साथ तहसीलदार ऋषभ शर्मा की बतौर उप-पंजीयक (सब-रजिस्ट्रार) शक्तियां भी वापस ले ली गई हैं। जांच अवधि के दौरान तहसीलदार जीपीए, रजिस्ट्री और गिफ्ट डीड जैसी कोई भी कार्यवाही नहीं कर पाएंगे, जबकि सहायक समाहर्ता व कार्यकारी दंडाधिकारी के रूप में उनकी शक्तियां बरकरार रहेंगी।
खली ने पत्रकार वार्ता उठाए थे सवाल
शुक्रवार दोपहर बाद इंटरनेट मीडिया में उस समय हलचल मच गई, जब द ग्रेट खली ने नाहन में प्रेस वार्ता के दौरान पांवटा साहिब तहसीलदार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। खली के निशाने पर सीधे तहसीलदार ऋषभ शर्मा और अन्य राजस्व अधिकारी थे। खली ने यह भी कहा कि अगर वह गलत हैं, तो आसपास के सभी भू-मालिक कैसे गलत हो सकते हैं? इस दौरान खली के साथ सूरजपुर गांव की तीन महिलाएं भी मौजूद थीं, जिन्होंने भी जमीन रिकॉर्ड में कथित गड़बड़ी के आरोप लगाए।
भ्रम पैदा किया जा रहा
महिलाओं ने सवाल उठाया कि कुछ समय पहले एक व्यक्ति जमीन खरीदता है, तो उसकी भूमि को सही बताया जाता है। लेकिन दशकों से खेती कर रहे स्थानीय लोगों की जमीन को कभी ‘बाता नदी में’, कभी ‘गैर-मालिकाना’ बताकर भ्रम पैदा किया जाता है।
तहसीलदार ने भी रखा था पक्ष
खली की प्रेस वार्ता के बाद शाम को तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने भी पांवटा साहिब में प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखा। तहसीलदार ने खली के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया और कहा कि निशानदेही से इस पूरे मामले की सच्चाई साफ हो सकती है।
निष्पक्ष जांच के बाद स्पष्ट होगी स्थिति
मामले में इंटरनेट मीडिया पर एक वर्ग ग्रेट खली का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरी तरफ तहसीलदार को भी मजबूत समर्थन मिल रहा है। बहरहाल, निष्पक्ष जांच के बाद पांवटा साहिब तहसील कार्यालय की वास्तविक कार्यशैली की तस्वीर सामने आ सकती है।
उल्लेखनीय है कि तहसीलदार का कुछ समय पहले तबादला हुआ था, लेकिन उच्च न्यायालय से स्टे मिलने के बाद वे पद पर बने हुए हैं।
दो सप्ताह में रिपोर्ट देंगे एसडीएम : उपायुक्त
उधर, उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा ने बताया कि एसडीएम पांवटा साहिब को जांच के आदेश दिए हैं और दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। जांच के दौरान तहसीलदार की सब-रजिस्ट्रार शक्तियां स्थगित रहेंगी और नायब तहसीलदार ही इन शक्तियों का उपयोग करेंगे।

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