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    हिमाचल में भारी बर्फबारी और बादल फटने से जनजीवन प्रभावित, 500 से अधिक सड़कें बंद; बिजली-पानी की सप्लाई बाधित

    Snowfall in Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर भारी बारिश और बर्फबारी हुई है। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई सड़कें बंद हैं और बिजली आपूर्ति बाधित है। मौसम विभाग ने शनिवार को कुछ स्थानों पर हल्का हिमपात और बारिश की संभावना जताई है। कई जगहों पर बर्फ में दबे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

    By Yadvinder Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 01 Mar 2025 07:50 AM (IST)
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    हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भारी वर्षा से भूस्खलन के बाद मलबे में दबे वाहन

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Mausam अफगानिस्तान से पश्चिमी हवाओं के साथ जमीनी स्तर से लेकर मध्य स्तर पर नमी की अधिक मात्रा से हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात, बादल फटने और भारी वर्षा हुई है। बीते करीब तीन माह के सूखे से निजात तो मिली है लेकिन इसके कारण जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है।

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    चंबा के पांगी घाटी के कोकरोलू गांव में हिमस्खलन से बर्फ में दबे एक व्यक्ति ग्रामीणों ने सुरक्षित निकाला और लाहुल स्पीति के दालंग में हिमस्खलन के कारण बर्फ में दबे दो पर्यटक स्थानीय लोगों ने सुरक्षित निकाले।

    कांगड़ा के बड़ा भंगाल घाटी के लुहारड़ी में बादल फटने से ऊहल नदी का जलस्तर बढ़ गया और इसके कारण बरोट बांध के गेट खोलने पड़े।रोहतांग में छह फीट, अटल टनल रोहतांग में साढ़े चार फीट,कोठह में चार फीट, किन्नौर में करीब डेढ़ फीट ताजा हिमपात हुआ है।

    5 NH सहित 500 से अधिक सड़कें बंद

    प्रदेश में बीते चौबीस घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा कुल्लू के सेऊबाग में हुई है। ताजा हिमपात और वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से पांच एनएच सहित 583 सड़कें बंद हैं। जबकि 2263 ट्रांसफार्मरों के खराब होने के कारण सैंकडों गांव में बिजली आपूर्ति बाधित है। 279 पेयजल योजनाएं प्रभवित हुई हैं।

    वीरवार रात से तज हवाओं के साथ हिमपात और वर्षा का क्रम जारी है। मौसम विभाग ने शनिवार को प्रदेश में कुछ एक स्थानों पर हल्का हिमपात व वर्षा की संभावना जताई है। जबकि 4 व 5 मार्च को एक बार फिर से पश्चिमी विक्षोभ के कारण व्यापक रूप से हिमपात और वर्षा की संभावना जताई गई है।

    मौसम विभाग ने कही ये बात

    मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि कुल्लू, मंडी में बहंत अधिक वर्षा जबकि किन्नौर ओर लाहुल स्पीति सहित अन्य क्षेत्रों में भारी हिमपात हुआ है। अफगानिस्तान से हवा के साथ जमीन की सतह से काफी अधिक नमी के होने के कारण बहुत अधिक वर्षा और हिमपात हुआ है। पहले भी ऐसा होता रहा है।

    चंबा में 1998 में हुई सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड टूटा

    चंबा में 25 फरवरी 1998 को चौबीस घंटों के दौरान सबसे अधिक 52.5 मिलीमीटर वर्षा हुई थी जबकि अब 97 मिलीमीटर वर्षा बीते चौबीस घंटों के दौरान हुई है। कुल्लू में 2007 में 84 मिलीमीटर जबकि अब 113.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।

    कांगडा में 2005 से उपलब्ध डाटा के आधार पर सबसे अधिक 74 मिलीमीटर वर्षा बीते चौबीस घंटों के दौरान हुई इससे पहले 8 फरवरी 2019 को 67.9 मिलीमीटर दर्ज की गई। शिमला में 8 फरवरी 2019 को 84.5 मिलीमीटर के बाद सबसे अधिक 63 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

    फरवरी माह में सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की जा रही थी तीन दिनों की वर्षा के कारण सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक वर्षा जबकि कुल्लू में सामान्य से 113 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

    स्थान न्यूनतम अधिकतम
    शिमला 5.2 8.0
    सुंदरनगर 8.7 13.7
    भुंतर 2.7 7.6
    कल्पा -2.0 2.5

    धर्मशाला

    4.2 12.2

    ऊना

    11.0 17.0

    नाहन

    11.5 17.9

    केलंग

    -1.8 0.1

    सोलन

    8.0 12.0

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