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    लोहड़ी पर मौसम की मार: बाजार तो सजे, लेकिन खरीदार पहुंचे कम; दिनभर मायूस रहे कारोबारी, अब बस एक ही उम्मीद

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 03:33 PM (IST)

    शिमला में लोहड़ी की तैयारियों पर मौसम का असर दिख रहा है। खरीदारों के कम पहुंचने से बाजारों में सन्नाटा पसर गया। ठंड के कारण लोग घरों में दुबके रहे जिससे दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है। मकर संक्रांति पर भंडारे का आयोजन किया जाएगा। साथ ही तीर्थ स्थानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। कारोबारी बस यही चाह रहे हैं कि मौसम साफ हो और खरीदार बाजार पहुंचे।

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    बाजार में खरीदार के कम पहुंचने से मायूस रहे कारोबारी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, शिमला राजधानी शिमला में पिछले तीन-चार दिनों से लोहड़ी की तैयारी के लिए बाजारों में लोग जमकर खरीदारी कर रहे थे। इसी कड़ी में रविवार को भी कारोबारी ने अपनी दुकानों को खुला रखा था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उनकी दुकानों में खरीददार नहीं पहुंच पाए। शहर में सुबह से काफी ठंड रही, लेकिन फिर भी दुकानदारों को उम्मीद थी कि दोपहर 2 बजे तक लोग सामान खरीदने पहुंचेंगे। कारोबारी लोगों का इंतजार करते रहे।

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    हालांकि, पिछले तीन चार दिन कारोबारियों का अच्छा कारोबार हुआ। लोहड़ी मनाने के लिए लोग साफ मौसम का इंतजार कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि लोहड़ी के दिन मौसम साफ हो जाएगा और शाम को लोहड़ी बन सकेगी। इसके लिए शहर के माल रोड स्थित राम बाजार से लेकर राजधानी के सभी उप नगरों में शाम के समय लोहड़ी जलाने की तैयारी है।

    मकर संक्रांति के दिन भंडारे की योजना

    राजधानी शिमला सहित शहर के अन्य स्थानों में मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का भंडारा लगाने की योजनाएं है। इसके लिए सबसे बड़ा भंडारा गंज बाजार में लगाया जाएगा। इसके अलावा शहर के बहुत सारी जगह पर भी भंडारे लगाए जाते है।

    इस तरह मनाई जाती है लोहड़ी व मकर संक्रांति

    लोग गावों में तिल और गुड़ के लड्डू, माह और चावल की खिचड़ी बनाते हैं जो देसी घी के साथ बड़े चाव से खाई जाती है। खिचड़ी को गांव में बांटा भी जाता है। इसके साथ ही लोग तीर्थ स्थानों पर भी जाते है।

    देवठियों में ईष्ट देवता के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं लोग

    स्थानीय देवठियों में अपने इष्ट देवता के दर्शनों के लिए लोग देव स्थान पहुंचते हैं। इस दिन लोग देवता के दरबार पहुंचकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं। देवठियों में भंडारे का विशेष प्रबंध किया जाता है।

    तत्तापानी में मकर संक्रांति के दिन उमड़ता है आस्था का सैलाब

    तत्तापानी में मकर संक्रांति के दिन तत्तापानी में आस्था का सैलाब उमड़ता है। बाहरी राज्यों सहित प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु श्रद्धा की डुबकी लगाने तत्तापानी आते हैं।

    श्रद्धालु तत्तापानी में पवित्र स्नान सहित तुला दान करवा पुण्य कमाते हैं। श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए मेले के दौरान सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाता है और प्रदेश के नामी ग्रामी कलाकार पानी प्रस्तुत दे श्रद्धालुओं का भरपूर मनोरंजन करते हैं।

    मेला स्थल पर अस्थाई दुकानें सजती हैं। विशेष यह है कि मेले के दिन जगह-जगह पर खिचड़ी पड़ोसी जाती है और मेले में आए सैकड़ों श्रद्धालु खिचड़ी का आनंद उठाते हैं। तत्तापानी में मकर सक्रांति के दिन तुला दान और अन्य दान इत्यादि करवाने का भी विशेष महत्व माना गया है ।

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