विमल नेगी मौत मामला: CM सुक्खू को सौंपी गई जांच रिपोर्ट, अब क्या एक्शन लेंगे मुख्यमंत्री; जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?
ऊर्जा सचिव विमल नेगी की मौत के मामले में जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंप दी गई है। 66 पन्नों की इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री आगे की कार्रवाई तय करेंगे। मामले में सतर्कता और विभागीय जांच की संभावना है। विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा है जबकि पुलिस एसआईटी जांच कर रही है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। ऊर्जा सचिव विमल नेगी मौत मामले से जुड़ी जांच रिपोर्ट आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंप दी है। 66 पन्नों से जुड़ी रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री आगामी कार्रवाई के लिए रिपोर्ट को ऊर्जा सचिव को लौटाएंगे। विमल नेगी मौत मामले में मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे कि आगे क्या कदम उठाया जाए। राकेश कंवर ऊर्जा सचिव के साथ-साथ मुख्यमंत्री के सचिव पद की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।
ऐसी संभावना है कि आने वाले समय में सतर्कता जांच व विभागीय जांच हो सकती है। इससे पहले करीब एक समाप्त तक सचिवालय में सीलबंद रिपोर्ट खोली गई थी और ऊर्जा ब्रांच के अधिकारियों ने प्रत्येक बिंदु की समीक्षा की थी। आठ अप्रैल को अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने राकेश कंवर को जांच रिपोर्ट सौंपी थी।
ओंकार शर्मा की जांच रिपोर्ट
मुख्यमंत्री सुक्खू ओंकार शर्मा की जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। पहले तो जांच रिपोर्ट राकेश कंवर के पास पहुंचेगी। इस मामले में विभागीय जांच, सतर्कता जांच शुरू करने के निर्देश दिए जा सकते हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि प्रदेश सरकार की जांच एजेंसियां किसी भी तरह के पेचीदा मामलों की जांच करने में सक्षम है।
अभी दो तरह की जांच
विमल नेगी मौत मामले में अभी दो तरह की जांच चल रही है। सरकार ने इस मामले की प्रशासनिक जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से करवाई है। दूसरी जांच शिमला पुलिस की एसआईटी कर रही है। इस मामले में विपक्ष की ओर से लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है।
पुलिस इस मामले में हरिकेश मीणा, देसराज सहित ऊर्जा निगम के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों से लंबी पूछताछ कर चुकी है। इस मामले में काफी रिकार्ड भी कब्जे में लिया जा चुका है।
ओंकार की जांच रिपोर्ट में संकेत
देर रात तक कार्यालय में बिठाने के औचित्य को लेकर भी देसराज के बयान को रिपोर्ट में संलग्न किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा गया है कि परियोजनाओं के सिलसिले में ही काम चला रहता था। पिछले छह महीनों में विमल नेगी व उनकी ब्रांच ने जितने भी मामलों को डील किया गया है उसका पूरा रिकॉर्ड खंगाला गया है।
उनके द्वारा साइन की गई फाइलों व उस पर की गई नोटिंग सभी चीजों को रिपोर्ट में शामिल गया है। पेखूबेला परियोजना को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे थे वह सब गलत साबित हुए हैं। विमल नेगी जब ट्रांसफर होकर ऊर्जा निगम आए थे तब तक पेखूबेला परियोजना बनकर तैयार हो चुकी थी।
कब क्या हुआ
- ऊर्जा निगम के निदेशक विमल नेगी 10 मार्च को लापता हुए थे।
- स्वजनों ने शिमला में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
- 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर के गोबिंद सागर झील में मिला था।
- 19 मार्च को एम्स में शव का पोस्टमार्टम किया गया था।
- 19 मार्च को स्वजनों ने निगम कार्यालय बीसीएस के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया था।
- 19 मार्च को रात के समय सरकार ने एफआइआर दर्ज की थी। इसी दिन निदेशक इलेक्ट्रिक देसराज को निलंबित किया गया।
- हरिकेश मीणा को सरकार ने 19 मार्च को छुट्टी पर भेज दिया था।
- 20 मार्च को विधानसभा में यह मामला उठा। सरकार ने इस पर अपना सपष्टीकरण दिया।
- इसी दिन भाजपा ने सीबीआई जांच को लेकर सदन में हो हल्ला किया और वाकआउट भी किया था।
- देसराज की हाइकोर्ट में जमानत याचिका रद्द हुई। उसके बाद 4 अप्रैल को सुप्रीमकोर्ट से उन्हें राहत मिली।
- 3 अप्रैल को एसीएस गृह ओंकार शर्मा ने आइएएस अधिकारी हरिकेश मीणा से सचिवालय में 3 घंटे पूछताछ की थी।
- भाजपा ने 3 अप्रैल को कैंडल मार्च निकाला था।
- आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को 7 अप्रैल को हाइकोर्ट से जमानत मिली।
- 8 अप्रैल को सरकार ने सरकार ने ऊर्जा निगम के निदेशक कार्मिक व वित्त शिवम प्रताप सिंह को भी हटाया। उनके स्थान पन एचएएस अधिकारी की तैनाती की।
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