Himachal में तबाही के बाद जागी सरकार, CM सुक्खू बोले- निर्माण कार्य के लिए मानक तय होंगे; पेड़ काटने पर रोक
मुख्यमंत्री सुक्खू पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद शिमला में पेड़ काटने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। पेड़ों का कटान सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही किया जाएगा कि वह खतरनाक है या नहीं? उन्होंने कहा कि भारी वर्षा में जिन लोगों के मकान व जमीन को नुकसान पहुंचा है उनकी मदद का रास्ता निकालने पर सरकार विचार कर रही है।

राज्य ब्यूरो, शिमलाः आपदा से जूझ रहे हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य में निर्माण कार्य के लिए मानक तय होंगे। इसके तहत यह अध्ययन किया जाएगा कि किस जमीन पर कैसी इंजीनियरिंग ठीक रहेगी। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कच्ची और पक्की जमीन पर कितनी मंजिलों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही कौन सी जगह निर्माण कार्य के लिए उपयुक्त नहीं है।
सीएम ने कहा कि, 40 वर्ष से मकान निर्माण को लेकर चल रही व्यवस्था पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके समाधान को लेकर सरकार आगे बढ़ेगी। सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद शिमला में पेड़ काटने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। पेड़ों का कटान सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही किया जाएगा कि वह खतरनाक है या नहीं?
केंद्र से विशेष पैकेज मिलने का इंतजार
उन्होंने कहा कि भारी वर्षा में जिन लोगों के मकान व जमीन को नुकसान पहुंचा है, उनकी मदद का रास्ता निकालने पर सरकार विचार कर रही है। राज्य सरकार को इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज के मिलने का इंतजार है, ताकि प्रभावितों की मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि लैंड लैस हुए लोगों की एफसीए-एफआरए एक्ट के तहत कैसे मदद हो सकती है, उसको लेकर पत्र लिखा गया है।
उन्होंने कहा कि मक डिस्पोजल को लेकर व्यवस्था बनाई जाएगी। इसके तहत नाले व अन्य स्थानों पर गिराए जाने वाले कचरे को ठिकाने लगाने में मदद मिलेगी। यह व्यवस्था न होने से कई बार कचरा नालों एवं अन्य स्थानों पर गिराया जाता है, जिससे लैंड स्लाइड का खतरा बना रहता है।
उन्होंने कहा कि किसान एवं बागवानों के फल एवं सब्जियों को मंडियों तक पहुंचाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसको सड़कों को दुरुस्त करने का क्रम जारी है। उन्होंने कहा कि मौसम साफ होने के बाद भी कुल्लू में भूस्खलन आया है। लोगों की तरफ से आपदा में मदद के लिए मिलने वाली राशि का उचित प्रयोग किया जाएगा। इस राशि आयकर की धारा-80 के तहत नियमों में छूट मिलेगी।
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