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    Shimla News: छात्रवृत्ति घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, चार आरोपित गिरफ्तार; 24 स्‍थानों पर ली गई थी तलाशी

    Shimla News शिमला में छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपितों को विशेष न्यायालय शिमला के समक्ष पेश किया गया। सभी आरोपितों को पांच दिनों की ईडी हिरासत में भेजा गया है। धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के प्रावधानों के तहत यह गिरफ्तारियां हुई है। ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से एफआईआर पर जांच शुरू की।

    By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 31 Aug 2023 08:17 PM (IST)
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    छात्रवृत्ति घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, चार आरोपित गिरफ्तार

    शिमला, जागरण संवाददाता: बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कारवाई की है। ईडी ने इस मामले में 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा को गिरफ्तार किया है।

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    आरोपितों को विशेष न्यायालय शिमला के समक्ष किया गया पेश

    गिरफ्तार आरोपितों को विशेष न्यायालय शिमला के समक्ष पेश किया गया। सभी आरोपितों को पांच दिनों की ईडी हिरासत में भेजा गया है। धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत यह गिरफ्तारियां हुई है।

    मामले में ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी 200 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे।

    ईडी की जांच से पता चला कि राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार ने मेसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप एंड स्किल डेवलपमेंट सोसाइटी के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश करके एससी/एसटी/ओबीसी विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति का दावा किया।

    छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए

    इसी तरह, हितेश गांधी की अध्यक्षता वाले केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस पंडोगा ने छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए, जिन्हें अरविंद राजटा ने सत्यापित किया। हितेश गांधी ने विद्यार्थियों के बैंक खाते में वितरित छात्रवृत्ति को केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया। बता दें कि इससे पहले 31 मार्च 2022 को 24 स्थानों पर तलाशी ली गई थी और 4.42 करोड़ रुपये की अनंतिम कुर्की आदेश दिया गया था।