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    Himachal News: 'निलंबन का कोई डर नहीं', अपनी मांगों पर अड़ा शिक्षक संघ; बोला- आंदोलन रहेगा जारी

    Updated: Sun, 04 May 2025 04:24 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ (पीटीएफ) ने शिक्षा निदेशालय के बाहर चल रहे क्रमिक अनशन को तेज़ करने की चेतावनी दी है। अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने निलंबन की कार्रवाई को लेकर सरकार को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का निलंबन और FIR से डरने वाले नहीं हैं। यूनियन ने स्कूलों को बंद करने की साजिश का भी आरोप लगाया। मुख्यमंत्री के साथ ही वार्ता करने की बात कही।

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    हरियाणा शिक्षक संघ वापस नहीं लेगा अपना आंदोलन

    राज्य ब्यूरो, शिमला। पिछले 8 दिनों (सोमवार को नौंवा दिन) से शिक्षा निदेशालय के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे प्राथमिक शिक्षक संघ (पीटीएफ) ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

    पीटीएफ संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा सहित राम सिंह, प्रताप, रमेश, प्रमोद चौहान, हेमराज ठाकुर सहित अन्य शिक्षक नेताओं ने सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि शिक्षक निलंबन से डरने वाले नहीं है।

    प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जगदीश शर्मा ने कहा कि निलंबन की कार्रवाई से शिक्षक डरने वाले नहीं है। उनका क्रमिक अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती। उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को शिक्षकों ने शिमला में धरना प्रदर्शन किया था।

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    कई शिक्षक ऐसे थे जिनके परिवार में शादी या अन्य पारिवारिक कार्यक्रम थे। उसके लिए उन्होंने छुट्टी ली थी, उन्हें भी निलंबित कर दिया गया है। इसका पूरा ब्योरा हाईकोर्ट में रखेंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने पर हिमाचल में पहली बार शिक्षकों का निलंबन हुआ है 900 शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज हुई है।

    उन्होंने कहा कि शिक्षकों के आंदोलन को एसएमसी, अभिभावक, अखिल भारतीय शिक्षक संगठन का समर्थन मिल रहा है। अगले प्रदर्शन में शिक्षकों के साथ अभिभावक भी प्रदर्शन में भाग लेने आएंगे।

    सोची समझी साजिश के तहत बंद किए जा रहे स्कूल

    संघ ने सरकार पर स्कूलों को सोची समझी साजिश के तहत बंद करने का बड़ा आरोप लगाया है। संघ ने कहा कि स्कूलों में दो शिक्षक तैनात है वहां से एक शिक्षक को बदल दिया जाता है। जब एक ही शिक्षक होता है तो अभिभावक चिंता में पड़ जाते हैं कि बच्चों को वहां भेजे या न भेजे। ऐसे में जब बच्चों के दाखिले कम होते हैं तो स्कूलों को बंद या मर्ज किया जाता है।

    प्राइमरी स्कूलों में 4500 शिक्षकों के पद खाली है, केवल 1700 पद भरने का प्रस्ताव आयोग को भेजा गया है, अन्य पदों पर कोई निर्णय नहीं लिया है। पिछली बार जो स्कूल मर्ज हुए थे वहां के बच्चों के लिए यातायात की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

    अब केवल मुख्यमंत्री से ही करेंगे वार्ता

    संघ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव से कई बार बात की। सरकार ने मांगे नहीं मानी। जो बैठकें हुई उनकी आज तक प्रोसिडिंग ही जारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अब संघ ने निर्णय लिया है कि शिक्षा मंत्री व सचिव से कोई वार्ता नहीं होगी। केवल मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे।

    संघ ने आरोप लगाया कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से उनकी मांग आगे मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचने दी जा रही है। आखिर सरकार क्यों मांगों पर संज्ञान नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों को निलंबित किया जा रहा है वह शिमला में आकर धरने में शामिल हो रहे हैं।

    सरकार यदि 25 हजार शिक्षकों को निलंबित कर देगी तो सभी शिमला में प्रदर्शन में बैठेंगे यहां बैठने को भी जगह नहीं बचेगी। उन्होंने कहा कि स्कूलों में अगर ऑनलाइन काम के लिए 15 दिन के भीतर सिम व डाटा उपलब्ध नहीं करवाया जाता है तो ऑनलाइन काम बंद कर दिया जाएगा।

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