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    तारादेवी-शिमला रोपवे का काम जल्द होगा शुरू, एक घंटे में 6 हजार लोग कर सकेंगे यात्रा; 660 ट्रालियां लगेगी

    Updated: Thu, 24 Oct 2024 03:54 PM (IST)

    शिमला से तारादेवी के लिए देश के सबसे लंबे रोपवे का निर्माण जल्द शुरू होगा। इसके खर्च और इससे जुड़ी जानकारी साझा करते हुए हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ट्रैफिक भी कुछ कम होगा। इसमें एक घंटे में कुल 6 हजार लोग तारा देवी के दर्शन कर सकेंगे।

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    तारादेवी-शिमला रोपवे के निर्माण कार्य पर जानकारी देते हिमाचल प्रदेश के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अब रोपवे नेटवर्क का विस्तार करेगी। तारादेवी-शिमला रोपवे निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। अगले तीन सालों में इसका पहला चरण पूरा हो जाएगा।

    उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में प्रेसवार्ता के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 14 किलोमीटर लंबा यह रोपवे देश का सबसे लंबा रोपवे होगा। इसी तरह मंडी में बगलामुखी मंदिर के लिए रोपवे बनकर तैयार है। 5 नवंबर को मुख्यमंत्री इसका उद्वाटन करेंगे।

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    रोपवे निगम परवाणु से शिमला तक भी 39 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाएगी। इसे लेकर अभी प्रस्तावना तैयार की जा रही है। इसमें 6 स्टेशन बनेंगे। यह परियोजना भी मील का पत्थर साबित होगी। रोहतांग रोपवे का काम चल रहा है। सरकार मंदिरों को रोपवे से जोड़ना चाहती है लेकिन कई स्थानों पर धार्मिक भावनाएं आड़े आ रही है।

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    ट्रैफिक जाम से मिलेगा छुटकारा

    उप मुख्यमंत्री ने कहा कि तारादेवी-शिमला रोपवे पर 1734 करोड़ खर्च हो रहे हैं। एफसीए मंजूरी के 20 करोड़ जारी किए जा चुके हैं। इस परियोजना के बनने से स्थानीय लोगों सहित शिमला आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को यहां लगने वाले ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा।

    रोपवे में 660 ट्रॉली लगेंगी, प्रत्येक की क्षमता 8 से 10 सवारी की होगी। हर दो मिनट बाद यह ट्राली चलेगी। एक घंटे में 6000 यात्री इसमें सफर कर सकेंगे। किराया अभी तय नहीं है लेकिन बस जितना ही किराया होगा। तारादेवी से शुरू होने वाले इस रोपवे में कुल 13 स्टेशन बनाए जाएंगे।

    पहला स्टेशन तारादेवी में बनेगा, इसके बाद न्यायिक परिसर चक्कर, टूटीकंडी पार्किंग, आईएसबीटी टूटीकंडी, रेलवे स्टेशन, पुराना बस अड्डा शिमला, लिफ्ट, सचिवालय छोटा शिमला, नव-बहार, संजौली, आईजीएमसी, आइस स्केटिंग रिंक और 103 सुरंग के पास ये स्टेशन बनेंगे।

    न पैसा दिया न डीपीआर बनाई, अब श्रेय लेने की होड़

    उप मुख्यमंत्री ने बिना किसी का नाम लिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने एक रुपया इस प्रोजेक्ट के लिए नहीं दिया। डीपीआर तक नहीं बनाई वह लोग इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना शिमला के पर्यटन के लिए संजीवनी साबित होगा। वह खुद इस प्रोजेक्ट को सीरे चढ़ाने के लिए ऑस्ट्रिया और स्विटरलेंड गए। वहां बड़े रोपने बनाने वाली कंपनियों से बात की है। अगले 40 साल को देखते हुए डिजाइन किया गया है।

    बस चलने से पहले मंत्रोउच्चारण, सुनाए जाएंगे भजन

    उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी में भी कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। जब बस स्टार्ट होगी तो मंत्रोउच्चारण होगा और भजन लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निगम ने दर्शन सेवा भी शुरू की है। इसी को आगे बढ़ाते हुए यह पहल की जा रही है। नादोन में एचआरटीसी की जमीन मामले की जांच चल रही है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी की कार्यशालाओं का जिर्णोद्वार किया जाएगा। इसके लिए 110 करोड़ जारी कर दिए गए हैं।

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