सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला, आर्थिक रोडमैप के लिए लेगी सलमान खुर्शीद और सैम पित्रोदा की मदद
हिमाचल सरकार ने राज्य के नीति निर्माण में थिंक टैंक के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा सहित छह विशेषज्ञों की सेवाएं लेने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल 2045 संगोष्ठी शृंखला जारी करते हुए कहा कि यह राज्य के आर्थिक भविष्य को आकार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल सरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा, हिमाचल प्रदेश से सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तरुण श्रीधर, डॉ. अशोक खोसला, डॉ. शालिनी सरीन, रजनी बख्श की सेवाएं लेगी। इनकी सेवाएं प्रदेश के नीति निर्माण में थिंक टैंक के रूप में ली जाएंगी।
सीएम सुक्खू ने जारी की हिमाचल 2045 संगोष्ठी शृंखला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां हिमाचल 2045 संगोष्ठी शृंखला जारी की। उन्होंने कहा कि यह राज्य के आर्थिक भविष्य को आकार देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस रोडमैप को डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासनिक संस्थान (एमएसएचआईपीए) शिमला की तरफ से तैयार किया गया है।
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यह पहल आर्थिक विकास को पर्यावरण संरक्षण के साथ संतुलित करते हुए सतत और समग्र विकास पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएचआईपीए की इस पहल से सरकार, उद्योग और समाज के मध्य सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। तीन चरणों की यह प्रक्रिया ऑनलाइन जुड़ाव से शुरू होगी।
हिमाचल के विकास के लिए तैयार होगा रोडमैप
इसके अंतर्गत विशेषज्ञ हिमाचल 2045 सतत आर्थिक विजन दस्तावेज को आकार प्रदान करेंगे। इसके बाद 22, 23 और 24 मार्च को एमएसएचआईपीए में संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। वहीं, जून में नीति निर्धारण के लिए रोडमैप के साथ इसका समापन होगा।
इस रोडमैप के लिए प्रतिष्ठित नेताओं का समूह अपने क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देगा। इस मौके पर एमएसएचआईपीए की निदेशक रुपाली ठाकुर और अतिरिक्त निदेशक प्रशांत सरकैक भी उपस्थित रहे।
कुलपति की नियुक्ति के लिए नए नियम नहीं मंजूर
वहीं, एक दूसरे खबर की बात करें तो शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कुलपति की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसका हिमाचल समेत सात राज्य विरोध कर रहे हैं। इसके लिए सभी राज्य सामूहिक कानूनी लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं।
राज्य सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीते रोज कर्नाटक के बेंगलुरू में इस संबंध में पहली बैठक हुई है। अब 20 फरवरी को केरल में होने वाली बैठक में आगामी रणनीति तैयार होगी। उन्होंने कहा कि कुलपति चयन के लिए अभी तक जो कमेटी गठित होती है, उसमें एक सदस्य राज्य सरकार का होता है, लेकिन यूजीसी ने जो नया मसौदा तैयार किया है उसमें राज्य का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा।
यह सोच ही गलत है। संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाकर केंद्र सरकार राज्य सरकारों के अधिकारों पर चोट कर रही है। न केवल हिमाचल बल्कि कर्नाटक, केरल, जम्मू कश्मीर, झारखंड, तमिलनाडु समेत सात राज्य विरोध में हैं।
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