सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए 6 करोड़ रुपये वार्षिक सहयोग, 2 लाख लीटर से अधिक दूध खरीद रही सुक्खू सरकार
हिमाचल प्रदेश सरकार पशुपालकों से औसतन 2.25 लाख लीटर गाय का दूध 42 से 51 रुपये प्रति लीटर पर खरीद रही है। भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर पर खरीदा जा रहा है। दुर्गम क्षेत्रों में परिवहन के लिए 2 रुपये प्रति लीटर का भत्ता दिया जा रहा है। हिम गंगा योजना से ग्रामीण डेयरी उत्पादन में सुधार हुआ है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। वर्तमान में सरकार लगभग 38,400 पशुपालकों से रोजाना औसतन 2.25 लाख लीटर गाय का दूध खरीद रही है। दूध का गुणवत्ता के आधार पर 42 से 51 रुपये प्रति लीटर के समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। इसके अतिरिक्त लगभग 1482 भैंस पालकों से प्रतिदिन 7800 लीटर दूध 61 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है।
ये दाम पशुपालकों को स्थिर और सुनिश्चित आय प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। राज्य सरकार दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में दूध आपूर्ति की चुनौती को देखते हुए पशु पालकों को 2 रुपये प्रति लीटर का परिवहन भत्ता प्रदान कर रही है। इससे छोटे और सीमान्त किसानों को बाजार तक सुगम पहुंच सुनिश्चित हो रही है और उनकी परिवहन लागत में कमी आई है।
प्रदेश में चलाई जा रही हिम गंगा योजना में ग्रामीण स्तर पर डेयरी उत्पादन में बड़ा बदलाव आया है।सहकारी संस्थाओं को छह करोड़ रुपये वार्षिक सहायता प्रदान की जा रही है।
जिससे किसानों की आय में वृद्धि के साथ ग्रामीण सशक्तिकरण में सहायता मिली है। बीते ढ़ाई वर्षों में सरकार ने दूध उत्पादकों को सशक्त बनाने और सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने तथा ग्रामीण अर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेक पहल की है।
268 नई दुग्ध सहकारी समितियां गठित
हिमगंगा योजना के तहत हमीरपुर और कांगड़ा जिला में 268 नई दुग्ध सहकारी समितियां बनाई गई हैं। इनमें से हमीरपुर में 11 और कांगड़ा में 99 समितियां पंजीकृत हो चुकी हैं। हमीरपुर की 46 समितियों में से 20 महिला समितियों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।
कांगड़ा जिला में कुल 222 सहकारी समितियां स्थापित की जा चुकी हैं, जिनसे 5,166 किसान जुड़कर संगठित तौर पर दुग्ध उत्पादन और बिक्री सुनिश्चित कर रहे हैं।
बकरी दूध खरीद के लिए पायलट परियोजना आरंभ
प्रदेश में बकरी दूध खरीद के लिए भी एक पायलट परियोजना आरंभ की है जिसके तहत बकरी पालकों से प्रतिदिन लगभग 100 लीटर दूध 70 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। इस योजना से वर्तमान में 15 बकरी पालक लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पशुपालकों को दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है। जिससे पशुपालकों को बहुत लाभ मिल रहा है।
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