Ecotourism: प्रकृति की छांव में बिता सकेंगे सुकून के पल, सुक्खू सरकार 28 ईको टूरिज्म साइट का करेगी आवंटन; ये रही लिस्ट
हिमाचल प्रदेश वन विभाग राज्य में 28 नई इको-पर्यटन साइटों का आवंटन करने जा रहा है। इन साइटों पर पर्यटकों को होटल जैसी सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। नई इको-पर्यटन नीति के तहत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना मूलभूत ढांचा तैयार किया जाएगा और स्थानीय लोगों को रोजगार देना अनिवार्य होगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। देश-विदेश से हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटक प्रकृति की छांव में बैठकर सुकून के पल बिता सकेंगे। शहर की भीड़भाड़ से दूर जंगल में पेड़ों के बीच उन्हें होटल जैसी सुविधा मिलेगी। दरअसल हिमाचल प्रदेश वन विभाग प्रदेश में 28 नई ईको पर्यटन साइट का आबंटन करने जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश ईको पर्यटन सोसाइटी की कार्यकारी समिति ने इसके आबंटन की मंजूरी दे दी है। निविदा जारी कर इसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे। जिसके बाद इसका आबंटन होगा। इनमें वन वृत्त धर्मशाला की 5, कुल्लू की 4, मंडी की 4 व रामपुर की 7 ईको टूरिज्म साइट्स सहित कुछ और साइट्स शामिल हैं।
सरकार ने तैयार की नई ईको पर्यटन नीति
त्रियुंड वन (धर्मशाला), लॉग हट धर्मकोट (धर्मशाला) गुलाबा पार्क (कुल्लू) और नारकंडा नेचर कैंप (शिमला) ईको पर्यटन साइट्स को हाल ही में आबंटित किया गया था। इसके अगले चरण में अब अठाइस और साइट को आवंटित किया जा रहा है। हिमाचल में ज्यादातर पर्यटक यहां की नैसर्गिक सुंदरता व प्रकृति का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं।
ऐसे में सरकार ने उनकी सुविधा के लिए नई ईको पर्यटन नीति तैयार की है। इस नीति के तहत पर्यटकों को जंगलों में होटल जैसी सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव वन केके पंत ने बताया कि हिमाचल प्रदेश ईको पर्यटन सोसाइटी की कार्यकारी समिति ने इसके आबंटन की मंजूरी दे दी है।
पर्यावरण को नहीं होगा कोई नुकसान
राज्य सरकार ने नई इको पर्यटन नीति तैयार की है। इस नीति के तहत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना जंगलों में मूलभूत ढांचा तैयार किया जाएगा ताकि न तो पेड़ पौधों को नुकसान हो और न ही जंगली जानवरों को भी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। जो साइट बनेगी उसमें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना हट्स व अन्य कमरे इत्यादि (ईको फ्रेंडली स्ट्रक्चर) तैयार किए जाएंगे। साइट का आबंटन निविदा आमंत्रित करने के बाद किया जाएगा। लीज पर यह साइट फर्म या व्यक्ति को दी जाएगी।
शर्त यह रहेगी कि जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा।
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