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    बारिश नहीं होने से शिमला में फिर से सूखे जैसे हालात, किसानों की बढ़ी चिंता; बागवान भी परेशान

    Updated: Sun, 17 Nov 2024 02:46 PM (IST)

    शिमला में पिछले 2 महीनों से बारिश नहीं होने के कारण सूखे जैसे हालात बन गए हैं। किसानों को सर्दियों की फसलों की बिजाई में दिक्कत हो रही है और बागवान भी परेशान हैं। फूलगोभी की रोपाई नहीं हो पा रही है और बागीचों में कैंकर रोग का खतरा बढ़ गया है। जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं।

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    सूखे से फसलों की बिजाई और बागवानी कार्य प्रभावित

    जागरण संवाददाता, शिमला। जिला शिमला में पिछले 2 महीने से बारिश नहीं होने के कारण सूखे जैसे हालात बने हुए है। जिला के किसानों बागवानों को बारिश का इंतजार हैं। बारिश नहीं होने के कारण जमीन में नमी लगभग समाप्त हो चुकी है। नमी नहीं होने के कारण किसान जहां सर्दियों के दौरान उगाई जाने वाली फसलों की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बागवान भी परेशान है। बागीचों में सर्दियों में होने वाले कार्य फिलहाल रुके हुए है।

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    किसानों ने बताई अपनी परेशानी

    ठियोग के किसान सुरेश मेहता, विजय मेहता और अजय जस्टा का कहना है कि इन दिनों मटर की बिजाई का समय हैं, लेकिन जमीन में नहीं होने के कारण खेत की खुदाई नहीं हो पा रही है। कई जगहों पर सिंचाई कर के खेत की खुदाई करनी पड़ रही हैं, जिन जगहों पर पानी की कमी हैं। वहां पर किसानों की निगाहें आसमान पर टिकी हुई है।

    सूखे के कारण नहीं हो पा रही है फूलगोभी की रोपाई

    वहीं दूसरी ओर से फूलगोभी की नर्सियां भी कई जगह तैयार हो चुकी है। फूलगोभी की रोपोई का समय चल रहा हैं, लेकिन सूखे के कारण फूलगोभी की रोपाई नहीं हो पा रही है। किसानों बागवानों का कहना है कि अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं होती हैं तो फिर किसानों बागवानों की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ जाएगी।

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    बागीचों में कैंकर रोग की संभावना

    बागवानों का कहना है कि तेज धूप के कारण पौधों की त्वचा सन बर्न का शिकार हो रही है। इसके कारण पौधों की चमड़ी फट रही है। चमड़ी फटने से बागीचों में कैंकर रोग की समस्या बढ़ने लगी है।

    हालांकि पौधों के तनों पर बागवानों ने चूने का लेप भी सूरज की किरणों से बचने के लिए लगाया हैं, लेकिन तने से ऊपर वाले हिस्से में चमड़ी के फटने की शिकायत ठियोग कोटखाई समेत कई जगहों पर देखी गई है। इससे बागवानों की परेशानियों बढ़ गई है।

    जंगलों में आग का खतरा

    सूखे के कारण जहां कई किसानों बागवानों की समस्याएं बढ़ गई हैं तो वहीं कई जगहों पर जंगलों की आग की घटनाएं भी शुरू हो गई है। सूखे में तेज धूप के कारण जंगलों व घासनियों में आग के भड़कने की संभावनाएं बढ़ गई है। ऐसे में अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

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