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    प्रदूषण से राहत के लिए शिमला की सैर, हेरिटेज ट्रैक पर 60% बढ़ गई ट्रेन बुकिंग, आखिर क्यों है सैलानियों की पहली पसंद?

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 02:11 PM (IST)

    Himachal Pradesh Tourism शिमला में सुहावने मौसम का आनंद लेने के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है जिससे रेलगाड़ियों की बुकिंग 60% तक बढ़ गई है। कालका-शिमला रेलमार्ग पर पर्यटकों का आवागमन बढ़ गया है और सभी रेलगाड़ियाँ भरकर शिमला पहुँच रही हैं। पर्यटक प्रदूषण और गर्मी से राहत पाने के लिए यहाँ आ रहे हैं।

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    शिमला में हेरिटेज ट्रैक पर गुजरती रेलगाड़ी। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददता, शिमला। Himachal Pradesh Tourism, हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू होने से मौसम सुहावना हो गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड पड़ने लगी है। देश के मैदानी इलाकों में पड़ रही गर्मी से राहत पाने व सुहावने मौसम का आनंद लेने के लिए पर्यटकों ने शिमला का रुख करना शुरू कर दिया है।

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    शिमला में वर्षा के बाद मौसम में ठंडक आ गई है। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलमार्ग पर चलने वाली रेलगाड़ियों की 60 प्रतिशत तक बुकिंग भी बढ़ गई है। कालका से शिमला आने वाली सभी रेलगाड़ियां पर्यटकों से भरकर शिमला पहुंच रही हैं।

    शिमला कालका धरोहर ट्रैक पर गुजरता स्टीम इंजन। स्टीम इंजन की सवारी को लेकर भी सैलानियों में खासा उत्साह रहता है। जागरण आर्काइव

    रेलगाड़ी का सफर पहली पसंद

    पहाड़ पर सुहावने सफर का आनंद लेने के लिए रेलगाड़ी के सफर को पर्यटक अधिक पसंद कर रहे हैं। पिछले दिनों वर्षा के कारण रेलगाड़ियों की बुकिंग 40 प्रतिशत तक ही रह गई थी।

    प्रदूषण व गर्मी से राहत के लिए पहुंच रहे पर्यटक

    पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार सर्दियों में पर्यटन सीजन काफी बेहतर रहेगा। मैदानी इलाकों के प्रदूषण से बचने व शिमला में साफ हवा में रहने व घूमने के लिए पर्यटक पहुंच रहे हैं।

    शिमला कालका ट्रैक पर दौड़ती विस्टाडोम कोच। शीशों वाले इन कोच से पर्यटक हर तरफ प्रकृति का नजारा ले सकते हैं। जागरण आर्काइव

    103 सुरंगें बनाती हैं सफर रोमांचक

    कालका-शिमला रेल मार्ग पर स्थित 103 सुरंगें पर्यटकों के सफर को काफी रोमांचक बना देती हैं। अधिकतर पर्यटक पारदर्शी डिब्बों में वादियों को निहारते हुए शिमला आना चाहते हैं। हालांकि रेलगाड़ी से शिमला पहुंचने के लिए बस व निजी वाहन से दोगुना समय लगता है, लेकिन पर्यटक रेलगाड़ी के सफर को अधिक पसंद कर रहे हैं।

    96 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर चल रहीं 5 रेलगाड़ी

    सड़कों पर यातायात जाम और खुद वाहन चलाने की थकान से बचने के लिए भी पर्यटक रेलगाड़ी को प्राथमिकता देते हैं। करीब 96 किलोमीटर लंबे शिमला-कालका रेलमार्ग पर सात रेलगाड़ी चलती हैं लेकिन वर्तमान में पांच ही चल रही हैं। इस रेलमार्ग पर प्रथम श्रेणी का 300, चेयर कार का 265 व सामान्य 65 रुपये किराया है। 

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