Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ठियोग पेयजल घोटाला: जहां सड़कें नहीं, वहां भी पहुंच गया पानी का टैंकर; पढ़िए अब तक की कार्रवाई में क्या-क्या हुआ

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 12:23 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ठियोग में पेयजल घोटाला सुर्खियों में है। इस घोटाले को लेकर बीजेपी ने सुक्खू सरकार पर हमला बोला है और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का इस्तीफा तक मांग लिया है। सरकार ने इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी है और 10 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। बीजेपी ने इस घोटाले को लेकर जिला परिषद की बैठक में हंगामा किया।

    Hero Image
    ठियोग जल आपूर्ति में घोटाला, बाइक-कार से पहुंचाया पानी।

    डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के ठियोग में पेयजल घोटाला सुर्खियों में बना हुआ है। इस घोटाले को लेकर सुक्खू सरकार पर बीजेपी हमलावर हो गई है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का इस्तीफा तक मांग लिया है। हालांकि, इस घोटाले को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। डिप्टी सीएम का कहना है कि हिमाचल गठन के बाद की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है घोटाला

    दरअसल, ठियोग में पिछले साल गर्मियों के मौसम के दौरान पानी की आपूर्ति के नाम पर लाखों का घोटाला हुआ है। टैंकरों से पानी की आपूर्ति के लिए ठेकेदार को एक करोड़ से अधिक रुपये का भुगतान किया गया है।

    फरवरी से जून के दौरान सूखे के चलते पानी की आपूर्ति टैंकरों से करने का काम ठेके पर दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर पानी की आपूर्ति ही नहीं हुई और भुगतान कर दिया गया।

    सरकार ने विजिलेंस को सौंपी जांच

    हद तो तब हो गई जब टैंकरों के नाम पर जिन गाड़ियों के नंबर दिए गए, वो कार और बाइक का नंबर निकल गया। इतना ही नहीं, दो ऐसे गांवों में टैंकरों से पानी की सप्लाई दिखाई गई, जहां सड़क ही नहीं है। वहीं, घोटाला सामने आने पर इसकी जांच तेज हो गई है।

    सुक्खू सरकार ने घोटाले की जांच का जिम्मा विजिलेंस को सौंपा है। जलशक्ति विभाग के अधिकारियों से विजिलेंस ने लंबी पूछताछ की और उसके बयान दर्ज किए। इसमें एसडीओ व जेई समेत कुल सात अधिकारी शामिल रहे।

    जांच की जद में आए अधिकारियों ने क्या दी सफाई

    सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि पानी की आपूर्ति में कोई घोटाला नहीं हुआ है। सिर्फ कंप्यूटर में वाहनों की एंट्री में गलतियां हुई हैं। हालांकि, विजिलेंस की टीम आज (गुरुवार) ठियोग जाएगी और अधिशासी अभियंता समेत अन्य लोगों से पूछताछ करेगी।

    10 अधिकारियों पर गिरी गाज

    जलशक्ति विभाग के 10 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था। इनमें दो अधिशासी, तीन सहायक, चार कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। विजिलेंस जलशक्ति विभाग और एसडीएम कार्यालय से जुटाए रिकॉर्ड को भी वेरिफाई किया है। ठेकेदार और इंजीनियरों के खातों की भी पड़ताल हो रही है।

    बीजेपी ने खोला मोर्चा, डिप्टी सीएम के इस्तीफे की मांग

    उधर इस घोटाले को लेकर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है। जिला उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में हुई जिला परिषद की बैठक में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा समर्थित जिला परिषद सदस्य सुभाष कैंथला धरने पर बैठ गए, निंदा प्रस्ताव पास कर डिप्टी सीएम और जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री के इस्तीफे की मांग की।

    कैसे किया वाहनों के नंबर में गड़बड़झाला

    आरोपी अधिकारियों का कहना है कि गाड़ियों का नंबर गलत लिखा गया है। नंबर तो HP09 C1199 दर्ज किया गया, किंतु वास्तविक नंबर HP 09C 1198 था। एक संख्या या अक्षर के बदल जाने से बदल गए। यानी ट्रक मोटरसाइकिल बन गए और कुछ कारें बन गए।

    यह भी पढ़ें- संपादकीय: 'रहिमन पानी भेजिए जो पानी ही होय', शिमला के ठियोग में पानी का घोटाला