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    शिमला: दिशा की बैठक में नहीं पहुंचा कोई PWD अधिकारी, सांसद ने लिया एक्शन; पंचायत चुनाव पर बोले- यह तो टालने का आधार नहीं

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 01:25 PM (IST)

    शिमला में दिशा की बैठक में लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के न पहुंचने पर सांसद ने कड़ी नाराजगी जताई और कार्रवाई के निर्देश दिए। सांसद ने पंचायत चुनावों को टालने के किसी भी प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है और इसे टाला नहीं जाना चाहिए।

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    शिमला में दिशा की बैठक की अध्यक्षता करते सांसद सुरेश कश्यप व मौजूद उपायुक्त। जागरण

    जागरण संवाददाता, शिमला। संसदीय क्षेत्र शिमला के सांसद सुरेश कश्यप ने सोमवार को दिशा की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत में कश्यप ने कहा कि दिशा की बैठकों का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न सेंट्रल स्पॉन्सर्ड स्कीम की प्रगति की समीक्षा करना है, ताकि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई योजनाओं का लाभ धरातल तक समयबद्ध तरीके से पहुंच सके।

    सुरेश कश्यप ने बताया कि बैठक में पीएमजीएसवाई, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं का विस्तृत रिव्यू किया गया।

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    करोड़ों के बजट के बावजूद समय पर पूरे नहीं हुए प्रोजेक्ट

    उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार द्वारा पीएमजीएसवाई-IV में लगभग 2200 करोड़ रुपये, तथा पीएमजीएसवाई-II में लगभग 2600 करोड़ रुपये की बड़ी राशि स्वीकृत हुई है, लेकिन इसके बावजूद कई प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हुए हैं।

    पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की गैर–हाजिरी पर नाराजगी

    सांसद ने कहा कि आज की बैठक में पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी अनुपस्थित पाए गए, जो अत्यंत गंभीर और अस्वीकार्य है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि ऐसे अधिकारियों को तत्काल शो-कॉज नोटिस जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि सड़कों को प्रदेश की भाग्य रेखाएं माना जाता है, लेकिन भारी बारिश के कारण नुकसान और केंद्र से मिलने वाली भारी भरकम राशि के उचित उपयोग में विलंब चिंताजनक है। कई प्रोजेक्ट 2016-17 से अधूरे पड़े हैं, जो संबंधित अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाते हैं।

    पंचायती राज चुनाव टालने पर सरकार को घेरा

    पंचायत चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुरेश कश्यप ने कहा कि डिजास्टर एक्ट को बहाना बनाकर चुनाव टालने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया क्या प्रदेश में स्कूल नहीं चल रहे हैं? क्या मैरिज सीज़न नहीं चल रहा? क्या बसें और परिवहन बंद हैं? "क्या सरकार जश्न नहीं माना रही?"

    यह तो चुनाव टालने का आधार नहीं

    उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीण सड़कें बंद हैं, तो यह प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन यह चुनाव टालने का आधार नहीं। दूसरी ओर सरकार बड़ी-बड़ी रैलियां और जश्न मना रही है, जबकि कई परिवार आपदा से जूझ रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

    उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव टालकर केवल लाभार्थियों को इकट्ठा कर चेक बांटने और राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश में है। लेकिन जनता तीन साल के कार्यकाल को भली-भांति देख चुकी है, और सरकार संवैधानिक दायित्व निभाने में विफल रही है।

    कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष को दी बधाई

    अपने ही जिले यानी सिरमौर से कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन पर प्रतिक्रिया देते हुए कश्यप ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। साथ ही कहा कि कांग्रेस को अध्यक्ष चुनने में काफी समय लगा, आगे भविष्य में क्या होता है, यह देखना होगा।

    यह भी पढ़ें: हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष पद पर विनय कुमार की नियुक्ति के बाद प्रतिभा सिंह की क्या रहेगी अब रणनीति? खुलकर दी प्रतिक्रिया 

    मजदूर वर्ग को लाभ देगा केंद्र का लेबर कोड

    चार नए लेबर कोड लागू किए जाने पर सांसद ने कहा कि इससे असंगठित व संगठित श्रमिक वर्ग को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा और आने वाले समय में इसका सकारात्मक असर दिखाई देगा।