हिमाचल: कैथलीघाट-ढली फोरलेन फिर विवादों में, सर्वेक्षण से भटक गया निर्माण; रिपोर्ट आने के बाद बड़ी कार्रवाई तय
शिमला के कैथलीघाट-ढली फोरलेन निर्माण में अनियमितताओं के चलते विवादों में है। लिंडीधार में भूस्खलन से भवन ढहने के बाद प्रशासन जांच कर रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण कार्य स्वीकृत योजना से अलग पाया गया है। वन विभाग, निर्माण कंपनी और NHAI जांच के दायरे में हैं। प्रशासन पुरानी सर्वे रिपोर्ट की जांच कर रहा है और लापरवाही पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कैथलीघाट से ढली फोरलेन फिर विवादों में आ गया है। प्रतीकात्मक फोटो
चैतन्य ठाकुर, शिमला। कैथलीघाट से ढली के बीच 3,914 करोड़ रुपये से बन रहा फोरलेन फिर सुर्खियों में है। निर्माण के दौरान भारी भूस्खलन की चपेट में आकर लिंडीधार में पांच मंजिला भवन ढहने के मामले में जिला प्रशासन बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। प्रशासन न सिर्फ पुरानी सर्वे रिपोर्ट खंगाल रहा है, बल्कि अपने स्तर पर नया सर्वे भी कर रहा है।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में ऐसा लग रहा है कि निर्माण संभवतः उस लाइन से बाहर किया है, जिस पर मूल मंजूरी दी गई थी, यानी फोरलेन निर्माण सर्वे के अनुरूप नहीं हुआ है।
रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
यदि ये आरोप सही पाए गए तो वन विभाग, निर्माण कंपनी और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जांच की जद में आ जाएंगे। इसकी पुष्टि उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने की है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को रिपोर्ट उनके पास आ जाएगी। उसको आधार बनाकर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
प्रारंभिक जांच में मानकों की अनदेखी
इस वर्ष बरसात में भारी भूस्खलन के कारण लिंडीधार में पांच मंजिला भवन ध्वस्त हो गया था। प्रशासन ने प्रारंभिक जांच में आशंका जताई है कि सड़क निर्माण के दौरान मानकों की अनदेखी से ही ऐसा हुआ।
पुरानी सर्वे रिपोर्ट खंगाली
जिला प्रशासन के निर्देश पर फोरलेन प्रोजेक्ट से जुड़ी पुरानी सर्वे रिपोर्ट को फिर से खंगाला है। इस रिपोर्ट में सड़क की मूल लाइन, निर्माण की चौड़ाई, कटिंग की सीमा, सुरक्षा मानक और भू-वैज्ञानिक आकलन शामिल हैं।
सड़क की असली धुरी से हटकर कटिंग की
प्रशासन को आशंका है कि सड़क की असली धुरी से हटकर कटिंग की गई। यदि सड़क मूल सर्वे एलाइनमेंट से बाहर निकली है तो यह अवैध निर्माण की श्रेणी में आएगा। सड़क के बाहर अत्यधिक कटिंग या ढलानों की असुरक्षित खोदाई भूस्खलन का बड़ा कारण हो सकती है। पुराने रिकार्ड में कुछ विसंगतियां सामने आई हैं, जिन्हें देखते हुए प्रशासन नया सर्वे कर रहा है।
सड़क निर्माण की वास्तविक और स्वीकृत लाइन में अंतर
जिला प्रशासन का नया सर्वे हादसे वाले क्षेत्र में विशेष रूप से केंद्रित रहा। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण की वास्तविक लाइन और स्वीकृत लाइन में अंतर पाया गया है। कुछ स्थानों पर कटिंग की गहराई अनुमन्य सीमा से अधिक की गई है।
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लापरवाही के प्रमाण दिखे
सुरक्षा मानकों की अनदेखी के संकेत और ढलानों के स्थिरीकरण में लापरवाही के प्रमाण दिखे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि लापरवाही सामने आने पर कानूनी कार्रवाई होगी। सबसे जवाब मांगा जाएगा। जिम्मेदार अधिकारियों के नाम चिह्नित किए जाएंगे। अवैध निर्माण की धाराओं में केस दर्ज करने पर निर्णय होगा।
इस वजह से भी चर्चा में आया था यह फोरलेन
कैथलीघाट से ढली फोरलेन बरसात में यह भवन गिरने के बाद चर्चा में आया था। यहां पर भवन का निरीक्षण करने आए पंचायतीरात मंत्री अनिरुद्ध सिंह की मौजूदगी में एनएचएआइ के अधिकारी को थप्पड़ मारने का मामला सामने आया था। इसके बाद फोरलेन निर्माण पर काफी प्रश्न उठे थे। इससे पहले भी स्थानीय लोगों ने फोरलेन मामले में जिला प्रशासन व सरकार के पास शिकायतें की हैं।

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