शिमला शहर में मकान का सपना होगा पूरा, नगर निगम कच्चीघाटी में बनाएगा 100 से ज़्यादा फ्लैट; कार्य से पहले होगा कंटूर सर्वे
शिमला में घर का सपना जल्द पूरा होगा। नगर निगम कच्चीघाटी में 100 से ज़्यादा फ्लैट बनाएगा। कार्य शुरू करने से पहले कंटूर सर्वे किया जाएगा। यह कदम शिमला शहर में आवास की समस्या को कम करने में मददगार साबित होगा और कई परिवारों को अपना घर मिल सकेगा।

शिमला स्थित नगर निगम का कार्यालय। जागरण आर्काइव
रोहित नागपाल, शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में आवास संकट को दूर करने और व्यवस्थित हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। नगर निगम प्रशासन कच्चीघाटी में 85 बीघा जमीन पर 100 से अधिक फ्लैट बनाने की तैयारी कर रहा है।
यह प्रोजेक्ट अब तक का निगम का सबसे बड़ा हाउसिंग मॉडल माना जा रहा है। खास बात यह है कि इस परियोजना के लिए निगम पहली बार वैज्ञानिक आधार पर कंटूर सर्वे करवा रहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि जमीन पर निर्माण किस तकनीक और दिशा में सबसे सुरक्षित व व्यवहारिक रहेगा।
कंटूर सर्वे क्यों जरूरी है?
कच्चीघाटी की यह भूमि ऊंचाई, ढलान व प्राकृतिक निकासी के लिहाज से संवेदनशील मानी जाती है। इसलिए निर्माण से पहले निगम किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता। कंटूर सर्वे से यह पता चलेगा कि जमीन कौन-कौन से हिस्सों में समतल है, किन स्थानों पर पानी की निकासी (नाले/ड्रेनेज) बनानी होगी, बिल्डिंग डिज़ाइन किस दिशा में रखना सुरक्षित रहेगा, ढलान वाले हिस्सों में कितनी कटिंग-फिलिंग करनी होगी, किन बिंदुओं पर भूस्खलन की आशंका न्यूनतम है। इस सर्वे के बाद ही फ्लैट्स की संख्या, आकार, ब्लॉक डिज़ाइन और लेआउट को अंतिम रूप दिया जाएगा।
कच्चीघाटी में 85 बीघा जमीन पर आधुनिक आवास कॉलोनी
नगर निगम ने इस क्षेत्र की जमीन का इस्तेमाल वर्षों से नहीं किया था, लेकिन अब निगम इसे शिमला की नई 'हाउसिंग जोन' के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है। प्रारंभिक प्रस्ताव के अनुसार, यहां 100 से अधिक फ्लैट बनाए जाएंगे, मल्टी-स्टोरी स्ट्रक्चर का प्रस्ताव है,पार्किंग, सड़कें, वॉकवे और ग्रीन एरिया भी शामिल होंगे, डिजाइन को शिमला की हिल टाउन प्लानिंग के अनुसार अंतिम रूप दिया जाएगा।
शहर में मकान की तलाश होगी पूरी
नगर निगम शिमला आयुक्त भूपिंदर अत्री ने कहा कि कच्चीघाटी में यह नया प्रोजेक्ट शहर में मकान तलाश रहे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए राहत साबित हो सकता है।
क्या है कंटूर सर्वे
यह एक ऐसा सर्वे है जो जमीन की ऊंचाई, ढलान और भू-आकृति का बेहद सटीक मानचित्र तैयार करता है। इसमें समान ऊंचाई वाले सभी बिंदुओं को जोड़कर कंटूर लाइनें बनाई जाती हैं। किसी भी बड़े निर्माण प्रोजेक्ट की सफलता और सुरक्षा काफी हद तक इस सर्वे पर निर्भर करती है।
कंटूर सर्वे से जमीन की सही टेक्निकल प्रोफाइल मिलती है। भविष्य के भूस्खलन, जलभराव या भू-गतिविधियों का अंदेशा मिलता है। ड्रेनेज सिस्टम को वैज्ञानिक तरीके से डिजाइन किया जाता है । कितनी कटिंग या फिलिंग चाहिए, इसका अंदाजा पहले ही लग जाता है। सड़क, भवन और पार्किंग का मजबूत लेआउट बनता है।
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पर्यावरणीय चुनौतियां कम होती हैं और लागत नियंत्रित रहती है। शिमला जैसे पहाड़ी शहरों में बिना कंटूर सर्वे के निर्माण करना जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए यह कदम हाउसिंग प्रोजेक्ट को सुरक्षित दिशा देने वाला साबित होगा।

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