फैक्ट्री से सीधे कस्टमर तक... शिमला में लगेंगे फैक्ट्री आउटलेट जोन, लोगों को होगा फायदा
हिम एमएसएमई फेस्ट 2026 में शिमला में पहली बार एक फैक्ट्री आउटलेट जोन स्थापित हो रहा है। इसमें लगभग 50 प्रतिष्ठित ब्रांड्स के स्टॉल होंगे, जो उपभोक्ताओ ...और पढ़ें

हिम एमएसएमई फेस्ट 2026: शिमला में पहली बार फैक्ट्री आउटलेट जोन से उपभोक्ताओं को सीधा लाभ
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिम एमएसएमई फेस्ट 2026 उद्योग और उद्यमिता के मंच के साथ ही आम उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत और उत्सव बनने जा रहा है। पहली बार महोत्सव के इतिहास में एक फैक्ट्री आउटलेट जोन की स्थापना की जा रही है, जहां लगभग 50 प्रतिष्ठित फैक्ट्री आउटलेट स्टाल लगाए जाएंगे।
उद्योग विभाग के निदेशक डॉ. युनूस ने बताया कि इन स्टालों पर नामी और भरोसेमंद ब्रांड्स के उत्पाद उपलब्ध होंगे। यह पहल उपभोक्ता हित को केंद्र में रखकर शुरू की गई है ताकि औद्योगिकरण का लाभ आम आदमी को मिल सके।
फैक्ट्री आउटलेट जोन में उपलब्ध उत्पाद
हिम एमएसएमई फेस्ट 2026 के फैक्ट्री आउटलेट स्टाल्स पर उपभोक्ताओं को एक ही स्थान पर विविध उत्पादों की श्रृंखला मिलेगी। फैक्ट्री आउटलेट स्टाल्स पर खाद्य उत्पाद और रेडी-टू-ईट फूड आइटम्स, हथकरघा, वस्त्र और पारंपरिक परिधान, घरेलू उपयोग के उपकरण, चमड़ा उत्पाद और स्पोर्ट्स शूज़, बेकरी और पैकेज्ड फूड और प्रदेश के स्थानीय और पारंपरिक उत्पाद उपलब्ध होंगे। ये सभी उत्पाद प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, कारीगरों के हुनर और एमएसएमई की गुणवत्ता को दर्शाएंगे।
उपभोक्ता को सीधा लाभ
फैक्ट्री आउटलेट मॉडल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें उत्पादक और उपभोक्ता के बीच सीधा संवाद स्थापित होता है, जिससे कीमतें कम होती हैं और गुणवत्ता बनी रहती है। यह मॉडल न केवल खरीदारी को सस्ता बनाता है, बल्कि पारदर्शिता और भरोसे को भी बढ़ावा देता है। यह जोन केवल उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी नहीं होगा, बल्कि एमएसएमई आधारित ब्रांड्स के लिए भी एक सुनहरा अवसर साबित होगा।
उपभोक्ता और निर्माता दोनों को मिलेगा लाभ
फैक्ट्री आउटलेट जोन के जरिये सीधे बाजार से जुड़ाव मिलने से छोटे और मध्यम उद्यमों को ब्रांड पहचान, ग्राहक प्रतिक्रिया और बिक्री विस्तार का सीधा लाभ मिलेगा। फैक्ट्री आउटलेट जोन हिम एमएसएमई फेस्ट 2026 का प्रमुख आकर्षण बनेगा, जहां लोग परिवार के साथ न केवल खरीदारी करेंगे बल्कि उद्यमिता के वास्तविक मॉडल को भी नजदीक से समझ पाएंगे। यह पहल राज्य के औद्योगिक और उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है, जिसका लाभ उपभोक्ता और निर्माता दोनों को मिलेगा।

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