शिमला में श्रीराम के पोस्टर पर विवाद, धार्मिक भावनाओं को भड़काने का मामला दर्ज; देवभूमि संघर्ष समिति का अल्टीमेटम
शिमला में श्रीराम के पोस्टर को लेकर विवाद हो गया है, जिसके बाद धार्मिक भावनाओं को भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है और प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अल्टीमेटम दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

शिमला नगर निगम में लगाए गए श्रीराम के पोस्टर। जागरण
जागरण संवाददाता, शिमला। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर निगम शिमला की ओर से लगाए गए बैनर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण की शिकायत पर पुलिस ने छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है।
जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास
देव भूमि संघर्ष समिति हिमाचल प्रदेश के संयोजक एवं अधिवक्ता भरत भूषण ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि यह कृत्य जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने और भगवान श्रीराम का अपमान करने के इरादे से किया गया है।
उन्होंने आशंका जताई कि ऐसे अन्य बैनर शहर के विभिन्न हिस्सों में भी लगाए गए हो सकते हैं, जिससे आम जनता और श्रद्धालुओं में रोष फैल रहा है।
पोस्टर पर है विवाद
बता दें कि नगर निगम शिमला की ओर से स्वच्छता का संदेश देता हुआ एक पोस्टर लगाया गया है। अब ये पोस्टर ही विवाद की वजह बन गया है।
भगवान राम कूड़े के ढेर पर बाण मारते हुए दिखाए
पोस्टर में भगवान राम बाल रूप में कूड़े के ढेर पर बाण मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पर देवभूमि संघर्ष समिति ने आप्ति जताई है। संघर्ष समिति ने इसे प्रभु श्रीराम का अपमान और हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत करने वाला बताया गया है।
24 घंटे का अल्टीमेटम दिया
समिति ने चेतावनी दी गई है कि अगर 24 घंटे के भीतर शहर भर के सभी पोस्टर नहीं हटाए गए, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। देवभूमि संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने पहले दिन से ही अपने सनातन विरोधी मनसूबे साफ कर दिए थे। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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