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    Sanjauli Masjid Case: संजौली मस्जिद मामले में अब 19 अप्रैल को होगी सुनवाई, हिमाचल वक्फ बोर्ड को देना है जवाब

    Updated: Sun, 06 Apr 2025 01:07 PM (IST)

    Sanjauli Masjid Case संजौली मस्जिद मामले में शनिवार को सुनवाई टल गई। अब अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। हिमाचल वक्फ बोर्ड को जवाब देना था लेकिन शिमला बार काउंसिल के एक सदस्य के निधन के कारण अधिवक्ता पेश नहीं हो पाए। देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि सरकार और प्रशासन को अब सद्बुद्धि आ गई है।

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    अब 19 अप्रैल को संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई (File Photo)

    जागरण संवाददाता, शिमला। नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में संजौली मस्जिद (Sanjauli Masjid) मामले की चल रही सुनवाई शनिवार को टल गई। अब सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। अदालत में शनिवार को हिमाचल वक्फ बोर्ड की ओर से जवाब दिया जाना था।

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    हालांकि शिमला बार काउंसिल के एक अधिवक्ता सदस्य के निधन की वजह से काउंसिल ने एब्सटेन काल किया था, इसके चलते अदालत में अधिवक्ता पेश नहीं हो पाए। लिहाजा सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 अप्रैल दी गई।

    देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक ने कही ये बात

    देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा, कुछ दिन पहले उन्होंने सरकार और प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए हवन किया था। अब लगता है कि सरकार और प्रशासन को सद्बुद्धि आ गई है।

    पहले मामले की सुनवाई 26 अप्रैल को होनी थी, लेकिन फिर पांच अप्रैल के लिए बढ़ा दी गई। देवभूमि संघर्ष समिति इस पूरे मामले में अंत तक लड़ाई जारी रखेगी।

    अधिवक्ता के निधन के कारण टली सुनवाई

    लंबे समय से संजौली मस्जिद मामले में स्थानीय लोगों की पैरवी कर रहे जगत पाल ने बताया, एक साथी अधिवक्ता चंद्रशेखर शर्मा के निधन के कारण वकीलों ने कोर्ट एब्सटेन किया था। नगर निगम आयुक्त की अदालत को इस पूरे मामले का निपटारा आठ मई तक करना है।

    इस संबंध में हाई कोर्ट की ओर से आदेश दिए गए हैं। अगर नगर निगम आयुक्त की अदालत में इस मामले को आठ मई तक निपटाया नहीं जाता है तो नौ मई को अवमानना की याचिका दायर की जानी है।

    ये है संजौली मस्जिद का मामला

    शिमला के मतियाणा में युवकों की पिटाई के बाद संजौली मस्जिद विवाद उठा और हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। 11 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने की पेशकश की थी। पांच अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद की तीन मंजिलें तोड़ने को स्वीकृति दी।

    इसके बाद इस मामले पर आयुक्त और अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में काफी समय तक सुनवाई चली। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत से भी मुस्लिम समुदाय के पक्ष में निर्णय नहीं आया था।

    मुस्लिम पक्ष की निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने 30 नवंबर को खारिज कर दी थी। अब निचली दो मंजिलों की वैधता पर नगर निगम आयुक्त की अदालत में मामला चल रहा है।

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