हिमाचल में विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी, सीएम 3.55 लाख के हकदार; जानिए माननीयों को हर महीने अब कितनी मिलेगी सैलरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आर्थिक संकट के बावजूद विधायकों के वेतन-भत्तों में वृद्धि की है। विपक्षी विधायकों ने वेतन वृद्धि का विरोध करने के बजाय वृद्धि के पक्ष में तर्क रखे। अब विधायकों को 2.80 लाख रुपये मिलेंगे जबकि पूर्व विधायकों की पेंशन में 36260 रुपये की वृद्धि हुई है। मंत्रियों को 3.45 लाख और मुख्यमंत्री को 3.55 लाख रुपये मिलेंगे।

प्रकाश भारद्वाज, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य पर आर्थिक संकट के बावजूद माननीयों के वेतन-भत्तों में वृद्धि की पहल की। विधानसभा बजट सत्र के दौरान सरकार को जनविरोधी नीतियों के लिए कोसने वाले विपक्षी विधायकों ने चुप्पी साधे हुए सहर्ष वेतन वृद्धि को स्वीकार लिया।
वेतन-भत्तों में वृद्धि का विरोध करने के बजाए विपक्षी विधायकों की ओर से वृद्धि के पक्ष में तर्क रखे गए। वर्तमान विधानसभा के सदस्य को अब वेतन-भत्तों में वृद्धि होने के बाद 2.80 लाख रुपये मिलेंगे।
पूर्व विधायक की पेंशन में मासिक 36260 रुपये की वृद्धि हुई है और अब 129500 रुपये प्राप्त होंगे। मंत्रियों को हर महीने 3.45 लाख धनराशि मिलेगी। मुख्यमंत्री 3.55 लाख के हकदार होंगे।
राजभवन जाएंगे वेतन-भत्तों से जुड़े विधेयक
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष व सदस्यों व पूर्व सदस्यों के वेतन-भत्तों व पेंशन संबंधी संशोधन विधेयक-2025 पेश किया। सभी माननीयों को पहली अप्रैल से संशोधित वेतन-भत्ते मिलेंगे। अंतिम स्वीकृति के लिए माननीयों के वेतन-भत्तों से जुड़े विधेयक राजभवन जाएंगे।
विधायकों को परिवार के साथ सैर-सपाटे पर जाने के लिए चार लाख की धनराशि मिलती थी, जिसे बढ़ाकर 6 लाख कर दिया गया है। पूर्व विधायकों को ये धनराशि दो लाख मिलती थी, जोकि तीन लाख कर दी गई है। सदन में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि बिजली-पानी का शुल्क विधायक स्वयं चुकाएंगे।
टेलीफोन भत्ते व डाटा ऑपरेटर 30 हजार कार्यालय भत्ते का हिस्सा हुए
पिछले कुछ समय से विधायकों को मिलने वाले मासिक 15 हजार रुपये का टेलीफोन भत्ते की खूब आलोचना हो रही थी। ये कहा जा रहा था कि ती हजार रुपये के रिचार्ज में पूरा साल भर फोन सुना जा सकता है और इंटरनेट भी उपयोग हो सकता है।
इसी तरह से डाटा आपरेटर को मिलने वाली 15 हजार रुपये की धनराशि भी निशाने पर थी। इन दो भत्तों को समाप्त करके कार्यालय भत्ते में शामिल कर दिया गया है।
अभी तक कार्यालय भत्ता 30 हजार हुआ करता था, जिसमें टेलीफोन व डाटा आपरेटर की धनराशि के साथ-साथ 30 हजार अतिरिक्त जोड़कर 90 हजार मासिक कर दिया गया है।
पद, पहले, अब
- मुख्यमंत्री वेतन-भत्ते, 2.65 लाख, 3.50 लाख मासिक
- विधानसभा अध्यक्ष वेतन-भत्ते, 2.55 लाख, 3.45 लाख मासिक
- कैबिनेट मंत्री वेतन-भत्ते, 2.55 लाख, 3.45 लाख मासिक
- विधानसभा उपाध्यक्ष वेतन-भत्ते, 2.50 लाख, 3.40 लाख मासिक
- अब विधायक लेगा 2.80 लाख मासिक वेतन
विधानसभा में ध्वनिमत से वेतन-भत्ते विधेयक पारित होने के बाद विधायक को 70 हजार रुपये बेसिक वेतन प्राप्त होगा। अब तक 55 हजार रुपये बेसिक वेतन था। वर्तमान विधानसभा में विधायक 2.10 लाख रुपये की धनराशि हर महीने मिलती थी, जोकि बढ़कर 2.80 लाख रुपये कर दी गई।
भत्ते, पहले, अब
- कार्यालय भत्ता, 30 हजार, 90 हजार रुपये
- विधानसभा क्षेत्र भत्ता, 90 हजार, 1.20 लाख रुपये
- प्रतिपूरक भत्ता, 5 हजार, 5 हजार रुपये
- जयराम सरकार ने आयकर की नई व्यवस्था की थी
जयराम सरकार ने सत्ता में रहते हुए 26 मई, 2022 को व्यवस्था की थी कि सरकार विधायकों का आयकर नहीं चुकाएगी। तब तक व्यवस्था थी कि मंत्रियों, विधायकों का आयकर सरकार चुकाती थी। इससे पहले प्रदेश सरकार ही माननीयों का आयकर चुकाती थी।
पूर्व विधायक 1.29 लाख पेंशन लेगा
सरकार ने पूर्व विधायकों को भी दृष्टिगत रखा है और बेसिक पेंशन 36000 हजार को बढ़ाकर 50000 कर दिया है। अभी तक पूर्व विधायक को 93240 रुपये मासिक पेंशन मिलती थी, अब 129500 रुपये मासिक पेंशन प्राप्त होगी। 169 प्रतिशत डीए के साथ ये पेंशन का प्रविधान है।
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