UPSC Result 2025: हिमाचल के प्रथम यांबुर ने हासिल की 841वी रैंक, माता-पिता और टीचरों को दिया श्रेय
किन्नौर जिले के कामरू गांव के प्रथम यांबुर ने यूपीएससी परीक्षा में 841वां रैंक हासिल की है। उसने हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। किसान पिता और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माता के पुत्र प्रथम ने पहले प्रयास में सीआईएसएफ कमांडेंट के रूप में चयन होने के बावजूद आईएएस बनने के लक्ष्य के साथ दोबारा परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की।

संवाद सहयोगी, रिकांगपिओ। किन्नौर जिले के कामरू गांव (सांगला घाटी) निवासी 23 वर्षीय प्रथम यांबुर ने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर जिला और हिमाचल का नाम रोशन किया है। प्रथम के पिता व्यास सुंदर किसान व बागबान हैं और माता राजदेवी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है।
प्रारंभिक शिक्षा शिवालिक पब्लिक स्कूल से प्राप्त की
प्रथम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिवालिक पब्लिक स्कूल सांगला से पास की और जमा दो नॉन-मेडिकल जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांगपिओ से उत्तीर्ण की।
उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में पास की और स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रथम ने विभिन्न प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की तैयारी शुरू की और 2024 में प्रथम ने यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण की और बतौर सीआईएसएफ कमांडेंट इनका चयन हुआ।
लक्ष्य था प्रशासनिक अधिकारी बनें, 841वां रैंक हासिल
प्रथम का लक्ष्य भारतीय प्रशासनिक अधिकारी बनना था, इसलिए इन्होंने कमांडेंट के पद पर ज्वाइन नहीं किया व यूपीएससी द्वारा सितंबर 2024 में आयोजित की गई परीक्षा में देशभर में 841वां रैंक हासिल किया। प्रथम एक होनहार विद्यार्थी होने के साथ-साथ, खेलकूद और सह-अकादमिक गतिविधियों में सदैव बढ़चढ़ कर भाग लेते रहे हैं।
माता-पिता ने दी बधाई, ग्रामीणों में खुशी की लहर
प्रथम के माता-पिता ने बेटे की इस उपलब्धि पर बधाई दी है और समस्त ग्रामीणों में खुशी की लहर है। वहीं प्रथम ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने पिता व्यास सुंदर व माता राजदेवी और अपने अध्यापकों को दिया।
प्रथम ने हिमाचल प्रदेश के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत, लग्न, निष्ठा व समर्पण से लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है और युवाओं को नशे की प्रवृति से दूर रहने और लक्ष्य प्राप्ति के लिए दिलोजान से जुट जाना चाहिए।
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