विमल नेगी मौत मामला: राज्य सरकार को नेटिस जारी, तीन महीने में देनी होगी स्टेटस रिपोर्ट; 20 मई को अगली सुनवाई
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को तीन सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट देने के लिए कहा है। प्रार्थी ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। अगली सुनवाई 20 मई को होगी।

विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात सरकार को तीन सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होगी।
प्रार्थी ने विमल नेगी की मौत की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। प्रार्थी ने अब तक की विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच से असंतुष्ट होने पर हाई कोर्ट से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई को जांच सौंपने के आदेश दिए जाएं।
प्रार्थी ने एसआईटी अथवा प्रदेश पुलिस द्वारा विमल नेगी की मौत को बिना जांच आत्महत्या का मामला ठहराने पर आपत्ति जताई है।
यह है मामला
मुख्य अभियंता विमल नेगी 10 मार्च, 2025 को शिमला से लापता हुए थे। उन्हें अंतिम बार बिलासपुर जिले के घुमारवीं में देखा गया था। इसके बाद इनकी पत्नी किरण नेगी ने मुख्यमंत्री से लेकर आला अधिकारियों को पत्र लिखकर उन्हें तलाशने की गुहार लगाई थी। 18 मार्च को उनका शव गोबिंदसागर झील से मिला।
पोस्टमार्टम के बाद शव को शिमला लाया गया और स्वजन ने 19 मार्च को ऊर्जा निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार ने इसी दिन आरोपित तत्कालीन निदेशक देसराज को निलंबित किया।
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा को अवकाश पर भेजा और जांच के लिए एसआईटी के गठन के आदेश भी जारी कर दिए। सरकार से जांच का आश्वासन मिलने के बाद धरना समाप्त किया गया। 19 मार्च को ही न्यू शिमला थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप चुकी है।
देसराज, मीणा व शिवम प्रताप से हो चुकी है पूछताछ
इस मामले में अब तक शिमला पुलिस की एसआईटी आरोपित देसराज, हरिकेश मीणा व शिवम प्रताप सिंह से पूछताछ कर चुकी है। दो प्रोजेक्ट प्रबंधकों से भी पूछताछ हो चुकी है।
मामला न्यायालय में जाने के बाद अब जांच में तेजी आने की उम्मीद है। इस मामले में 26 मार्च को देसराज की जमानत याचिका हाई कोर्ट में खारिज हुई थी। इसके बाद अप्रैल में इन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली। मीणा को भी इसी आधार पर जमानत मिली थी।
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