हिमाचल में गजब! PM आवास योजना में 1633 मकानों के लिए आ गए एक लाख आवेदन, गत वर्ष नहीं मिले थे पूरे आवेदक; आखिर क्या है वजह?
हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1633 मकानों के लिए एक लाख आवेदन आए हैं। विभाग आवेदनों की जाँच कर रहा है, क्योंकि पहले 94 हजार मकानों में से 17 हजार वापस कर दिए गए थे। आवेदनों में वृद्धि का कारण परिवारों का विभाजन माना जा रहा है। केंद्र सरकार आपदा प्रभावितों को भी इस योजना में शामिल करेगी, जिसमें डेढ़ लाख रुपये की सहायता मिलेगी।

हिमाचल प्रदेश में पीएम आवास योजना के तहत एक लाख आवेदन आ गए हैं। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए हिमाचल के एक लाख लोगों ने आवेदन किया है। केंद्र सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत हिमाचल को 1633 मकान मंजूर किए हैं। इतने ज्यादा आवेदन आने के बाद विभाग भी हैरान हो गया है।
अब इन आवेदनों की छंटनी की जाएगी। नियमों में जो आवेदन सही पाए जाएंगे, उन्हें ही आवास दिया जाएगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की हैरानी की वजह यह है कि पहले 94 हजार मकान हिमाचल को मिले थे। इसमें से 17 हजार पात्रता को पूरा नहीं करते थे, जिसके चलते वह बाहर हो गए थे और इन मकानों को सरेंडर कर दिया गया था।
आखिर क्या है आवेदन बढ़ने की वजह?
अब 1633 मकानों के लिए आवेदन मांगे गए तो एक लाख के करीब आवेदक सामने आ गए। केंद्र से जब 94 हजार मकान हिमाचल को मंजूर हुए थे उस वक्त के सर्वे के अनुसार सभी पात्र लोगों को मकान मिल चुके थे। अब एक लाख नए आवेदन आ गए हैं। माना जा रहा है कि परिवार में बंटवारा होने के बाद आवेदनों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले, बीपीएल सहित कुछ अन्य श्रेणी के लोगों को आवास मिलते हैं।
केंद्र ने मानी हिमाचल की बात
केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावितों को भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने की मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया था जिसे मंजूर कर दिया गया है। ऐसे में मानसून के दौरान जो भी आपदा पीड़ित हैं और उनके मकान ढह गए हैं उनको सरकार इस योजना के तहत नया मकान देगी। पीएम आवास योजना में केवल डेढ़ लाख मिलेगा बाकि की राशि सरकार खुद देगी।
योजना का यह है मकसद
प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद बेघर लोगों को आवास की सुविधा देना है। सूत्रों की माने तो योजना का लाभ लेने के लिए लोग अपने परिवार से अलग होकर यह दिखा रहे हैं कि उनके पास आवास नहीं है। जबकि योजना का असली मकसद ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं और उनके पास आवास की सुविधा नहीं है उन्हें आवास मुहैया करवाना है।
ऐसे होती है वेरिफिकेशन
ग्रामीण विकास विभाग पंचायतों के माध्यम से यह वेरिफिकेशन करवाता है। परिवार रजिस्टर के माध्यम से यह देखा जाता है कि आवेदन करने वाले का अलग पंजीकरण परिवार रजिस्टर में है। पूरी जांच के बाद ही आवास देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।
नए सिरे से मकान मांगे जाएंगे
पीएम आवास योजना के तहत काफी ज्यादा आवेदन आए हैं। उनकी छंटनी की जा रही है। पात्र लोगों को मकान मुहैया करवाए जाएंगे। जो रह जाएंगे उनका मामला दोबारा केंद्र को भेजा जाएगा और नए सिरे से मकान मांगे जाएंगे।
-राजेश शर्मा, सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज।
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