हिमाचल के 100 CBSE स्कूलों में नहीं लगेगी अतिरिक्त फीस, किताबें भी निश्शुल्क देने की तैयारी; SOP को कैबिनेट देगी मंजूरी
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग ने 100 सीबीएसई स्कूलों में अतिरिक्त फीस न लेने का फैसला किया है। छात्रों को मुफ्त किताबें भी मिलेंगी। इस निर्णय के लिए एसओपी तैयार है, जिसे कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। इस कदम से छात्रों और अभिभावकों को आर्थिक बोझ से राहत मिलेगी और शिक्षा सुलभ होगी।

हिमाचल प्रदेश के 100 सीबीएसई स्कूलों में बच्चों से अतिरिक्त फीस नहीं ली जाएगी। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। राज्य के 100 सरकारी स्कूल शैक्षणिक सत्र 2026-27 से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध होंगे। शिक्षा विभाग ने स्कूलों की संबद्धता सीबीएसई से करवाने के लिए आवेदन कर दिया है। सीबीएसई से संबद्धता मिलने के बाद बच्चों से कोई अतिरिक्त फंड नहीं लिया जाएगा।
कक्षा-1 से आठ तक पहले की तरह निश्शुल्क पढ़ाई की सुविधा बच्चों को इन स्कूलों में मिलेगी। कक्षा-9 स 10 में फीस 24 रुपये प्रतिमाह एचपी स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबंद्ध स्कूलों की है। वही सीबीएसई स्कूलों में भी रहेगी।
जिन श्रेणियों के विद्यार्थियों को निश्शुल्क किताबें मिलती हैं, वे भी सरकार मुहैया करवाएगी। पहली से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्यपुस्तक योजना के तहत जो किताबें दी जाएंगी, वे पूरी तरह सीबीएसई द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम और पैटर्न के अनुरूप होंगी।
बच्चों को मिलती रहेंगी सुविधाएं
सरकार का कहना है कि केवल बोर्ड की संबद्धता बदली जा रही है। बच्चों को जो सुविधाएं मिल रही थी वह पहले की तरह ही मिलती रहेंगी। इन स्कूलों के भवनों का भी रंग अलग होगा। इसके अलावा इसमें वर्दी भी अन्य स्कूलों की अपेक्षा अलग होगी।
विभाग तैयार कर रहा एसओपी
शिक्षा विभाग इसके लिए एसओपी तैयार कर रहा है। एसओपी तैयार होने के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट मंजूरी के बाद ही नियम लागू किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि विभाग को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को किताबें सीबीएसई पैटर्न के अनुसार प्रकाशित करने के निर्देश भी विभाग ने जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि शिक्षा बोर्ड किताबों की तैयारी, स्वीकृति, छपाई और समय पर वितरण की प्रक्रिया तत्काल शुरू करें ताकि सत्र शुरू होने से पहले ही किताबें स्कूलों में पहुंच जाए।
स्कूलों ने किया आवेदन, अब होगा निरीक्षण
राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए शैक्षणिक सत्र 2026-27 से राज्य के 100 चयनित सरकारी स्कूलों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया है। इन स्कूलों की संबद्धता के लिए आवेदन कर दिया गया है। अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की टीम स्कूलों का निरीक्षण करेंगे।
शिक्षकों का सब कैडर भी बना रही सरकार
राज्य सरकार इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के लिए अलग से सब कैडर भी बनाने जा रही है। इसके लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सब कैडर में आने के शिक्षकों से ऑप्शन मांगी जाएगी। इनका तबादला उन्हीं स्कूलों में किया जाएगा जहां पर सीबीएसई स्कूल होगा।
यह है व्यवस्था
कक्षा 1 से 8 तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम (राइट टू एजुकेशन एक्ट) के तहत निश्शुल्क शिक्षा का प्रविधान है। यह पहले की तरह सीबीएसई में भी जारी होगा। इसी तरह कक्षा 9 से 10 में फीस 24 रुपए प्रतिमाह है। यह स्कूल अपने हिसाब से कभी तिमाही व कोई छमाही के रूप में लेते हैं। यह फीस 24 रुपए प्रतिमाह ही रहेगी।
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