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    Himachal Ration Distribution: हिमाचल में एक मई से लोगों को नहीं मिलेगा सस्ता राशन, डिपो संचालकों ने लिया निर्णय

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 08:36 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में राशन डिपो (Himachal Ration Distribution) संचालक 1 मई से राशन वितरण बंद करने की चेतावनी दे रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार चुनाव से पह ...और पढ़ें

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    हिमाचल में राशन डिपो संचालक ने 1 मई से सस्ता राशन वितरण बंद करने की चेतावनी दी है।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल (Himachal News) में मई महीने से लाखों परिवारों के लिए सस्ते राशन (Himachal Ration Distribution) को लेकर मुश्किलें बढ़ने वाली है। डिपो संचालकों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि 30 अप्रैल तक डिपो में स्थापित प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बहाल नहीं हुई, तो पहली मई से सस्ते राशन का वितरण बंद कर दिया जाएगा।

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    डिपो संचालकों ने दिया यह तर्क

    इनका तर्क है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने राशन वितरण की एवज में प्रति माह 20 हजार रुपये वेतन और डिपो में इंटरनेट कनेक्टिविटी का वादा दिया था। सरकार को बने ढाई साल हो गए हैं, लेकिन दोनों वादे पूरे नहीं किए। सभी डिपो में टू-जी इंटरनेट कनेक्टिविटी है, जबकि प्रदेश में फाइव-जी की सुविधा है।

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    यहां आठ से 10 दिन तक सर्वर डाउन रहता है, जिससे उपभोक्ताओं को भी डिपुओं के कई चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कई बार विभाग को बताने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ। कमीशन कम, खर्च अधिकराज्य में 5300 डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं का सस्ता राशन उपलब्ध कराया जाता है।

    डिपो संचालकों को मिलता है कमीशन

    डिपो संचालकों (Himachal Ration Distribution) को लाभ के नाम पर चार प्रतिशत कमीशन मिलता है। यानी एक लाख की बिक्री पर डिपो संचालकों को चार हजार रुपये कमीशन मिलता है। इससे दुकानों का किराया भी चुकाना पड़ता है। बिजली बिल और आठ साल पुरानी पीओएस मशीनों में इंटरनेट की व्यवस्था के लिए प्रतिमाह 470 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

    हर साल 800 रुपये लाइसेंस के लिए होते हैं खर्च

    गोदाम से राशन उठाने के लिए राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के बैंक खाते में एडवांस में राशि जमा करवानी पड़ती है। प्रति वर्ष 800 रुपये लाइसेंस नवीकरण पर खर्च हो रहे हैं। हर वर्ष वजन करने वाली मशीन को पास करवाने के लिए पैसा खर्च करना पड़ता है। ऐसे में पूरा कमीशन राशन वितरण की व्यवस्था में ही खत्म हो जाता है।

    कमीशन कम और खर्च अधिक है। इंटरनेट कनेक्टिविटी थी कंपनी की जिम्मेदारी डिपो में पाश मशीनों को लगाने के लिए जब कंपनी को ठेका दिया था तो समझौते के अनुसार इंटरनेट कनेक्टिविटी भी उसकी जिम्मेवारी थी, लेकिन अब डिपो संचालकों को ही पैसा खर्च करना पड़ रहा है।

    सरकार को 30 अप्रैल तक कनेक्टिविटी बहाल करने की चेतावनी दी है। इस अवधि में मांग पूरी नहीं होती है तो प्रदेशभर में पहली मई से डिपुओं के माध्यम से राशन वितरण की व्यवस्था को बंद कर दिया जाएगा।-अशोक कवि, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश डिपो संचालक समिति।

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