बाग गांव में शवों को जलाने के मामले में दायर याचिका पर नगर निगम को नोटिस जारी
बाग व आसपास के क्षेत्र में शवों को जलाने में आ रही परेशानी को लेकर दायर याचिका में नगर निगम शिमला को नोटिस जारी किया है। अमजद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।

शिमला, विधि संवाददाता। प्रदेश हाईकोर्ट ने समरहिल शिमला के तहत गांव बाग व आसपास के क्षेत्र में शवों को जलाने में आ रही परेशानी को लेकर दायर याचिका में नगर निगम शिमला को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने नगर निगम शिमला से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। प्रार्थी जीत राम पंवर ने याचिका में आरोप लगाया है कि बाग गांव व आसपास के क्षेत्र के लोगों को अपने नजदीकियों की मौत के बाद उनके दाह संस्कार को लेकर भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
शमशान घाट के जीर्णोधार में हो रही देरी के कारण आ रही समस्या
शमशान घाट के जीर्णोधार में हो रही देरी के कारण यह समस्या पेश आ रही है। प्रार्थी ने कोर्ट को बताया कि नगर निगम शिमला ने टूटीकंडी वार्ड नंबर 10 में प्रस्तावित शमशान घाट के निर्माण के लिए अनुमानित साढ़े ग्यारह लाख रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसे स्वीकृति के लिए सक्षम अथारिटी के लिए भी भेजा जा चुका है। प्रार्थी के अनुसार नगर निगम ने माना है कि सारी प्रक्रिया का पालन करते हुए बजट प्राप्त होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। प्रार्थी का आरोप है कि एक माह बीत जाने पर भी इस प्रोजेक्ट पर कोई स्वीकृति नहीं दी गई है और स्थानीय लोगों को शवों के दाह संस्कार को लेकर परेशानियां उठानी पड़ रही है।

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