हरियाणा से चलता था नवोदय परीक्षा में नकल कराने का नेटवर्क, लाखों में होती थी डील; मास्टर माइंड की तलाश में जुटी पुलिस
शिमला पुलिस ने जवाहर नवोदय परीक्षा में नकल करते पकड़े गए 40 अभ्यर्थियों के मामले में जांच तेज कर दी है। पता चला है कि यह नकल गिरोह हरियाणा से संचालित ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, शिमला। जवाहर नवोदय परीक्षा में ब्लूटुथ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से जांच करते पकड़े गए 40 अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ है कि परीक्षा में नकल कराने का यह नेटवर्क हरियाणा से चलाया जा रहा था। अभ्यर्थियों से भारी भरकम रकम लेकर परीक्षा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए नकल कराई जाती थी।
अभ्यर्थियों को ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्रदान किए जाते थे, जो परीक्षा से पहले होने वाले चेकिंग के दौरान पकड़ में नहीं आते है। इतना ही नहीं मैटल डिटेक्टर में भी यह उपकरण पकड़े नहीं जाते है। शिमला पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है।
अब नकल कराने वाले मास्टर माइंड को पकड़ने के लिए पुलिस ने जांच तेज कर दी है। वहीं सोमवार को शिमला पुलिस ने नकल करते पकड़े गए सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है। इसके अलावा इनके पास से बरामद किए गए सभी उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
सभी से अलग अलग लोगों ने की डील
जवाहर नवोदय परीक्षा में पकड़े गए ज्यादातर अभ्यर्थी हरियाणा के रहने वाले है। इसके अलावा इसमें दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आरोपी भी है। पुलिस की जांच में यह भी बात सामने आई है कि परीक्षा नकल कराकर पास करवाने के लिए सभी से अलग अलग लोगों ने डील की थी।
परीक्षा में पास करवाने की एवज में लाखों की रकम अभ्यर्थियों से वसूल की गई थी। शुरूआत में 10 लाख रुपए से ज्यादा रकम की मांग की जाती था। कई अभ्यर्थियों से 10 से 12 लाख में डील हुई तो कईयो से इससे कम राशि में सौदा किया गया।
पहले भी आए हैं ऐसे मामले
नौकरी के लिए भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने और फर्जी दस्तावेज जमा करने के पहले भी कई मामले शिमला में पेश आ चुके है। ताजा मामले में शनिवार को हुई सचिवालय सहायक की परीक्षा में हरियाणा के ही एक युवक को दूसरे युवक जगह परीक्षा देते समय परीक्षा केंद्र में पकड़ा गया था। हस्ताक्षर मैच नहीं होने पर यह पकड़ा गया था।
वहीं पिछले वर्ष 2024 एकलव्य स्कूल की परीक्षा के दौरान भी शिमला में असली अभ्यर्थी की जगह दूसरे छात्र को परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। यह अपने भाई की जगह परीक्षा देने आया था। यह उत्तर प्रदेश के मथुरा का रहने वाला था।
वहीं पोस्ट आफिस में ग्राम डाक सेवकों के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करवाकर नियुक्तियों के मामले भी सामने आए थे। इसमें भी हरियाणा और राजस्थान के कई आरोपी शामिल थे। इसके अलावा सचिवालय में भी फर्जी दस्तावेज जमा करवाकर नौकरी पाने के मामले सामने आ चुके है।

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