Himachal News: जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के लिए विभाग का नया प्लान, छात्रों के लिए बनेंगे हॉस्टल
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या के बीच शिक्षा विभाग लाहुल स्पीति और किन्नौर में छात्रावास बनाने की योजना बना रहा है। इन जिलों के क ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल के स्कूलों में लगातार कम हो रही विद्यार्थियों की संख्या के बीच शिक्षा विभाग अब नए प्लान पर काम कर रहा है। जनजातीय क्षेत्र लाहुल स्पीति व किन्नौर जिला के स्कूलों में छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। जिला के केंद्र में ऐसे स्कूल का चयन किया जाएगा जहां से सभी बच्चों को आना जाना आसान हो। यहां पर बड़े छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
इन जिलों के बच्चे कुल्लू, शिमला, धर्मशाला सहित अन्य स्थानों पर पढ़ाई करने के लिए आते हैं। विभाग का कहना है कि बच्चों के लिए जब संबंधित जिला में ही अच्छी सुविधा मिलेगी, अच्छे छात्रावास होंगे तो वह दूसरे जिलों में नहीं जाएंगे।
विभाग का तर्क है कि लाहुल स्पीति में 2700 के करीब बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं जबकि शिक्षकों की संख्या 800 के करीब है। इसी तरह किन्नौर में भी 5 हजार के करीब बच्चे पंजीकृत है। यहां पर शिक्षकों की संख्या 1200 से 1500 के करीब है। इसका पूरा डाटा मंगवाया गया है। 5 जून को होने वाली शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
लगातार कम हो रहा पंजीकरण
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। पिछले बीस सालों में 50 प्रतिशत की कमी सरकारी स्कूलों के दाखिले में आई है। पिछले ढाई सालों में राज्य सरकार 1200 स्कूलों को बंद कर चुकी है।
इसमें 450 स्कूलों को डी नोटिफाई किया है यानि स्थायी रूप से इन्हें बंद कर दिया गया है। जबकि 750 स्कूलों को साथ लगते स्कूलों में मर्ज किया गया है। इनमें विद्यार्थियों की संख्या 10 से कम थी।
पीटीआर सबसे अच्छी
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छात्र शिक्षक दर (पीटीआर रेशों) 1:11 है। यानी 11 बच्चाें पर 1 शिक्षक तैनात है। जो देशभर में सबसे उच्च है। जबकि देशभर में यह रेशों 1:22 है। लाहुल स्पीति में 3 बच्चों पर एक शिक्षक है।
शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में इस मामले पर विस्तृत चर्चा हुई है। 5 जून को होने वाली शिक्षा विभाग की बैठक में दोबारा इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए लाया जाएगा। विभाग इसका प्लान तैयार कर रहा है कि छात्रावास यदि बनाए जाते हैं तो उस पर कितना खर्च आएगा। बच्चों को क्या सुविधाएं दी जा सकती है।
आशीष कोहली, निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग
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