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    बाढ़ में क्षतिग्रस्त लारजी परियोजना फिर से चालू, सुक्खू सरकार के ठोस प्रयासों से दो साल में काम पूरा; CM ने दी बधाई

    Updated: Sun, 18 May 2025 09:28 PM (IST)

    मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कुल्लू जिले में लारजी जलविद्युत परियोजना को पुन आरम्भ करने के लिए धन आवंटित किया। 2023 ...और पढ़ें

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    सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंजीनियरों को दी बधाई। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कुल्लू जिले में 126 मेगावाट क्षमता की लारजी परियोजना के पुनः कार्यशील करने के लिए शुरू में 25 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई।

    इसके पश्चात 35 करोड़ रुपये और तत्पश्चात 185.87 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई। यह परियोजना 9 और 10 जुलाई 2023 को ब्यास नदी में आई बाढ़ के कारण पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इस परियोजना को बहाल करने का कार्य दो वर्ष से भी कम समय में पूर्ण हुआ है।

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    बाढ़ में हुआ था बड़ा नुकसान

    उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के इंजीनियरों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की। जिन्होंने इस परियोजना को बहाल करने के लिए पूर्ण समर्पण से कार्य किया। उनके अथक प्रयासों से लारजी पावर प्रोजेक्ट के यूनिट-1 को 15 जनवरी, 2024 को फिर से शुरू किया गया और 2 मई, 2024 को पावर ग्रिड से जोड़ा गया।

    यूनिट-2 को 9 अगस्त, 2024 को तथा यूनिट-3 17 जनवरी, 2025 को शुरू की गई। वर्तमान में परियोजना के तीनों टरबाइन कार्यशील हैं और विद्युत उत्पादन आरम्भ कर दिया गया है। 3 अगस्त 1953 को ब्यास नदी पर स्थित लारजी जल विद्युत परियोजना में बड़ी बाढ़ आई थी।

    इस बाढ़ में 3838.37 क्यूमेक्स पानी का बहाव था, जबकि वर्ष 2023 में आई बाढ़ में 5600 क्यूमेक्स पानी का बहाव था, जो 1953 की बाढ़ की अपेक्षा काफी अधिक था।

    पावर हाउस के प्रवेश द्वार पर काम चालू

    बाढ़ के कारण टरबाइन इकाइयों के अंदर भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया था, जिससे वे कई महीनों तक काम नहीं कर पाए। क्योंकि तकनीकी रूप से मलबा हटाना संभव नहीं था, इसलिए मलबे को कार्य बल द्वारा साफ किया गया।

    भविष्य में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए परियोजना की सुरक्षा के लिए कई निवारक उपाय किए गए हैं। ढलान स्थिरीकरण कार्य के लिए केबल जाल और रॉक-फॉल बैरियर स्थापित किए गए हैं।

    सर्ज शाफ्ट गेट के पास कार्य पूरा हो गया है और भूस्खलन और गिरने वाले मलबे के जोखिम को कम करने के लिए पॉवर हाउस के प्रवेश द्वार पर कार्य चल रहा है।