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    कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर फिर कहर, कैंची मोड़ पर चट्टानें गिरने से बंद, कई वाहन बीच रास्ते में फंसे

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 10:16 AM (IST)

    पंडोह के पास कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो गया है जिससे यातायात बाधित है। शुक्रवार को ही मार्ग बहाल किया गया था लेकिन फिर से भूस्खलन हो गया। कुल्लू से नूरपुर जा रहा शव वाहन फंसा हुआ है। शिवावदार गांव का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।

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    कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर फिर कहर, कैंची मोड़ पर चट्टानें गिरने से बंद (जागरण फोटो)

    विशाल वर्मा,पंडोह। कीरतपुर-मनाली फोरलेन एक बार फिर भूस्खलन की चपेट में आ गया है। शनिवार तड़के करीब 4 बजे पंडोह डेम से आगे केंची मोड़ के पास भारी चट्टानें और मलबे के गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया।

    यह वही स्थान है जहां शुक्रवार को नौ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग बहाल किया गया था, लेकिन महज कुछ ही घंटों बाद पुनः भूस्खलन ने आवाजाही पर ब्रेक लगा दी है।

    कुल्लू से नूरपुर की ओर जा रहा शव वाहन भूस्खलन के कारण केंची मोड़ पर फंस गया है। चालक रूप लाल ने बताया कि वह सुबह चार बजे से रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक भी न तो कोई मशीन पहुंची और न ही कोई अधिकारी। सिर्फ पुलिसकर्मी मौके पर हैं, बाकी सब गायब हैं।

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    शिवावदार गांव के निवासियों की मुसीबतें और भी गंभीर हैं।

    गांव को जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग पहले ही टूट चुका था और अब मुख्य फोरलेन बंद होने के कारण यह गांव पूरी तरह से बाहरी संपर्क से कट गया है।

    लगातार दूसरे दिन गांववासी पूरी तरह से अलग-थलग हो गए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि न तो एनएचएआई की ओर से कोई राहत दल पहुंचा और न ही मलबा हटाने के लिए जरूरी मशीनें।

    इस आपात स्थिति में केवल कटोला-बजौरा जैसे वैकल्पिक मार्गों से कुछ छोटे वाहनों को निकाला जा रहा है, परंतु वह भी भूस्खलन की संभावनाओं से घिरे हुए हैं। इस कारण यात्रियों की जान जोखिम में पड़ गई है।

    फंसे यात्रियों और स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि फौरन राहत एवं बचाव कार्यों को शुरू किया जाए। साथ ही एनएचएआई अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के लिए जवाबदेह बनाया जाए। शिवावदार गांव के लिए सुरक्षित वैकल्पिक संपर्क मार्ग बहाल करना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है, ताकि आपात सेवाएं समय पर पहुंच सकें और जनजीवन सामान्य हो सके।