एनजीटी ने हिमाचल के 4 विभागों को भेजा नोटिस, आखिर क्या है मामला?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कांगड़ा जिले में पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग-154 के चार-लेन विस्तार कार्य में अनियमितताओं पर संज्ञान लिया है। एनजीटी ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन मानते हुए चार विभागों को नोटिस जारी किया है। ग्रामीणों को ढलान कटाई के कारण खतरे का सामना करना पड़ रहा है जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कांगड़ा जिले में पठानकोट–मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग-154 के चार-लेन विस्तार का काम बिना सही योजना और वैज्ञानिक तरीके से होने पर एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के आधार पर यह संज्ञान लिया है।
एनजीटी ने इसे पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 का उल्लंघन माना है और चार विभागों/संस्थाओं को नोटिस जारी किया है। इनमें हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, हिमाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ये नोटिस जारी किया गया है।
सभी से 3 नवम्बर 2025 से पहले हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है। अनुसार थानपुरी से परौर के 18 किमी हिस्से में ढलान काटना घरों के बिल्कुल पास किया गया है, और सुरक्षात्मक दीवार नहीं बनाई गई। बरसात के बाद ही कंपनी ने कुछ रिटेनिंग वॉल बनाना शुरू किया, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं है।
ग्रामीणों को अपने खर्चे पर तिरपाल लगाकर घरों के पास की खड़ी ढलानों को ढकना पड़ा, वे डर में जी रहे हैं और रात को बाहर निकलना भी खतरनाक है। इस प्रोजेक्ट से गांव के पुराने रास्ते बंद हो गए हैं।
कांगड़ा जिले के कई इलाकों में इसी तरह की खुदाई और अधूरा काम घरों को खतरे में डाल रहा है, सड़कें टूट रही हैं और पानी की प्राकृतिक निकासी बाधित हो रही है। बरसात में भूस्खलन, संपत्ति नुकसान और हादसों का खतरा और बढ़ गया है।
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