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    VIDEO: शिमला के IGMC में मरीज से मारपीट का मामला, दोनों पक्षों में हुआ समझौता, गले लगाकर मानी गलती

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 01:36 PM (IST)

    आईजीएमसी में मरीज से मारपीट के मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है। यह घटना शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में हुई थी। अब दोनों पक्ष एक साथ आए ह ...और पढ़ें

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    आईजीएमसी में मरीज से मारपीट का मामला

    जागरण संवाददाता, शिमला। शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट का मामला अब सुलझ गया है। जानकारी के अनुसार, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान के ऑफिस में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है। प्रकरण में शामिल डॉक्टर और मरीज ने एक-दूसरे के गले लगाया और अपनी-अपनी गलती मानी।

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    डॉक्टर-मरीज ने माफी मांगी

    डॉक्टर राघव और मरीज अर्जुन ने पूरी घटना के लिए मीडिया के सामने माफी मांगी। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा, जो लड़ाई हुई वह अचानक घटी एक घटना थी। समझौते के आधार पर अब केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। डॉ. राघव के टर्मिनेशन को खत्म करने के लिए सरकार कदम उठा रही है। 

     

    CM ने नई समिति गठन के दिए थे निर्देश

    इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दोबारा जांच के लिए नई समिति गठित करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि मरीजों से दुर्व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा। चिकित्सा क्षेत्र में नैतिकता को बनाए रखने के लिए डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। डॉक्टर्स के लिए मानव व्यवहार व जन प्रबंधन (ह्यूमन बिहेवियर और मैन-मैनेजमेंट) कोर्स अनिवार्य किया जाएगा।

    सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसका मतलब यह नहीं कि मरीजों के सम्मान और अधिकारों की अनदेखी की जाए।

    क्या है पूरा विवाद?

    दरअसल, 24 दिसंबर 2025 को शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (IGMC) में डॉक्टर व मरीज में मारपीट का मामला सामने आया। इस घटना के वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। घटना की शिकायत के बाद अस्पताल प्रशासन ने डॉ. राघव निरूला को निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के खिलाफ डॉक्टर्स के समूह ने भारी विरोध प्रदर्शन किया।

    सीएम के दोबारा जांच के आश्वासन के बाद भी डॉक्टर्स ने 26 दिसंबर को सामूहिक अवकाश किया। हिमाचल प्रदेश मेडिकल आफिसर एसोसिएशन (HPMOA) से जुड़े डॉक्टर भी सामूहिक अवकाश पर रहे। 27 दिसंबर को आरडीए, एचपीएमओए और स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कालेज टीचर्स (सेमडिकोट) हड़ताल पर चले गए।

    इससे आईजीएमसी सहित प्रदेश के कई अस्पतालों में ओपीडी, वैकल्पिक आपरेशन और नियमित सेवाएं बाधित रहीं। हालांकि, इस दौरान आपात सेवाएं जारी रहीं। 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ली। 29 को अस्पतालों में सेवाएं सामान्य रहीं।