शिमला आएं तो शाली टिब्बा जरूर जाएं, आसमान को छूने का अहसास; श्रीखंड महादेव सहित कई चोटियां देख सकते हैं
शिमला के पास शाली टिब्बा 9423 फीट की ऊंचाई पर स्थित है जो अध्यात्म और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए एक शानदार जगह है। यहां मां भीमाकाली का मंदिर है और आसपास किन्नौर चौपाल व उत्तराखंड की चोटियों के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं। लकड़ी और पत्थरों से बना यह मंदिर खटनोल से 5-6 किलोमीटर की पैदल दूरी पर है।

यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। यदि आप शिमला घूमने आए हैं और अध्यात्म से जुड़े होने के साथ ट्रैकिंग के भी शौकीन हैं तो आपको शाली टिब्बा की यात्रा शांति के साथ सुकून भी देगी। यहां पर पहुंचकर ऐसा लगता है आपने मानो आसमान को छू लिया हो। यहां के वातावरण में शांति महसूस की जा सकती है।
9423 फीट की ऊंचाई पर स्थित शाली टिब्बा में मां भीमाकाली मंदिर को शिमला के रिज मैदान से भी देखा जा सकता है। यहां से अन्य सभी चोटियां इससे कम ऊंचाई पर हैं। शाली टिब्बा से श्रीखंड पर्वतमाला सहित किन्नौर, चौपाल व उत्तराखंड की चोटियां भी देखी जा सकती हैं। शाली टिब्बा मंदिर लकड़ी और पत्थरों से बना है।
शिमला से खटनोल की दूरी लगभग 48 किलोमीटर है। शिमला से मशोबरा, बल्देयां, गुलथानी होते हुए सड़क से खटनोल और वहां से लगभग दो किलोमीटर कच्ची सड़क से वाहन से पहुंचा जा सकता है। यहां से शाली टिब्बा के लिए पांच से छह किलोमीटर का पैदल ट्रैक है। देवदार, बान, मरू और अन्य पेड़ ट्रैकिंग को और भी रोमांचक बनाते हैं।
यह ट्रैक आसान है और इसे एक दिन में पूरा किया जा सकता है। हालांकि बीच में छोटे रास्ते भी हैं जो एकदम सीधे हैं।
शाली टिब्बा की यात्रा किसी भी मौसम में की जा सकती है। हालांकि सर्दियों में हिमपात होता है, कई लोग तो बर्फ में ट्रैकिंग का आनंद लेते हैं। यहां पर जनवरी और फरवरी में हिमपात होता है, इस दौरान कम लोग ही यहां आते हैं।
यहां ठहर सकते हैं
शिमला से खटनोल तक बस योग्य सड़क है। ऐसे में शिमला के पांच सितारा से लेकर आम होटलों में भी ठहरा जा सकता है। खटनोल से 24 किलोमीटर की दूरी पर नालदेहरा, बल्देयां और मशोबरा में तीन सितारा के अलावा अन्य होटल हैं जिनमें ठहरा जा सकता है।
शाली टिब्बा मंदिर में सराय है जहां पर 100 से अधिक यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। यहां पर खाना ले जाना पड़ता है। हालांकि खटनोल में दुकानें हैं। यहां पर लोगों को खाने में सिड्डू (मोमो की तरह आटे से बनते हैं), लौटे (डोसा) परोसा जाता है।
इस तरह पहुंच सकते हैं शाली टिब्बा
दिल्ली और चंडीगढ़ से हवाई, सड़क और रेलमार्ग से शिमला पहुंचा जा सकता है। जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर शिमला बस अड्डा है। शिमला से बस, टैक्सी या अपनी गाड़ी से खटनोल पहुंचा जा सकता है।
इलाके की खासियत
शाली टिब्बा के लिए पांच से छह घंटे के पैदल रास्ते में कोई भी बस्ती नहीं है। हालांकि जहां तक सड़क पहुंचती है वहां और उसके आसपास बेहद खूबसूरत पहाड़ी शैली के चक्केनुमा भवन देखने को मिलते हैं।
इसके अलावा पहाड़ियों पर सीढ़ीनुमा छोटे-छोटे खेत सेब, अखरोट, बादाम, प्लम, खुमानी और अन्य परंपरागत फसलों से लहलहाते मिलते हैं। इस क्षेत्र में पहाड़ी राजमाह, माश आदि की भी खेती करते हैं। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और बागबानी है।
आसपास यहां भी घूम सकते हैं पर्यटक
शाली टिब्बा जाते समय पर्यटक रास्ते में मशोबरा के साथ क्रेगनेनो में नेचर पार्क भी देख सकते हैं। पर्यटकों के लिए यहां ट्यूलिप गार्डन और घूमने के लिए सुंदर बगीचे हैं।
शिमला के बल्देयां से दो किलोमीटर दूर जिस सड़क से होते हुए पर्यटक खटनोल जाते हैं वहां झरना भी है। खटनोल के साथ लगते दयोला, पजैली आदि स्थानों पर देवताओं के काष्ठकुणी शैली में मंदिर भी बने हैं।
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