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    HRTC को घाटे से निकालने के लिए सुक्खू सरकार का प्लान तैयार, डीजल- पेट्रोल नहीं अब ई-वाहनों में सफर करेंगे अधिकारी

    हिमाचल रोडवेज परिवहन निगम (HRTC) को घाटे से उबारने के लिए सरकार व्यवस्था परिवर्तन करने जा रही है। निगम में अधिकारियों का युक्तिकरण किया जाएगा और डीजल-पेट्रोल वाहनों के स्थान पर ई-वाहनों का प्रयोग होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि 31 मार्च 2025 तक यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। निगम के पास जो बचे वाहन होंगे उन्हें राज्य सरकार के पूल में शामिल कर दिया जाएगा।

    By Anil Thakur Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Sat, 12 Oct 2024 10:22 PM (IST)
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    एचआरटीसी को घाटे से उबारने के लिए काम करेगी सुक्खू सरकार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। एचआरटीसी को घाटे से उबारने के लिए सरकार व्यवस्था परिवर्तन करेगी। इसकी शुरूआत अफसरशाही से होगी। सरकार निगम में अधिकारियों का युक्तिकरण करेगी। यानि जिन अधिकारियों के पास काम नहीं है, उन्हें बदल दिया जाएगा। एचआरटीसी के अधिकारी डीजल व पैट्रोल के वाहनों में सफर करने के बजाए ई-वाहनों का प्रयोग करेंगे।

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    31 मार्च 2025 तक लागू हो जाएगी यह व्यवस्था

    अभी तक परिवहन विभाग के अधिकारी ई-वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। अब एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक से लेकर, महाप्रबंधक, मंडलीय प्रबंधक, क्षेत्रिय प्रबंधक सभी ई-वाहनों में सफर करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2025, तक यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। निगम के पास जो बचे वाहन होंगे, उन्हें राज्य सरकार के पूल में शामिल कर दिया जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम को खुद अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना होगा। निगम सामाजिक दायित्व पर रोजाना 50 लाख खर्च करता है, इसकी अदायगी करने को भी सरकार तैयार है, लेकिन इसे प्रस्तुतीकरण के जरिए बताए। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने की चेतावनी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह निगम को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करें, हड़ताल से कोई फर्क नहीं पड़ता। छात्र जीवन में कई बार हड़ताल की है।

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    परिचालक आवाज लगाकर बसों में भरेंगे सवारियां

    वहीं, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि निगम में 600 के करीब चालक-परिचालक, जिनमें महिला परिचालक भी शामिल है। वह बसों में डयूटी देने के बजाए पैट्रोल पंप, बुकिंग खिड़की, बस अड्डों में डयूटियां दे रहे हैं, उन्हें भी बसों में तैनात किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग उठाई कि निगम के लिए विशेष मेडिकल बोर्ड गठित किया जाए, ताकि इनका नए सिरे से मेडिकल करवाया जा सके।

    बस अड्डे में बुकिंग क्लर्क का काम देख रहे चालक परिचालकों का कार्यकाल भी 2 साल का तय होगा। उसके बाद उन्हें दोबारा बसों में टिकट काटने का ही काम दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जो परिचालक अपने रूट पर मुनाफा लाएगा, उसे विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि निजी बसों की तरह सरकारी बसों के परिचालक भी आवाज लगाकर बसों में सवारियां भरने का काम करें। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की चक्का जाम की बात न करें, बल्कि काम में सहयोग करें।

    उन्होंने कहा कि जल्द ही निगम में 350 नए चालकों की भर्ती होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने ई-बसों की खरीद के लिए 327 करोड़ जारी किए हैं। चार्जिग स्टेशनों के लिए 110 करोड़ प्रदान किए हैं। 245 बसों की पूर्व में खरीद की है, इसमें ट्रेंपो ट्रेवलर भी हैं।

    घोषणाओं से कर्माचरियों में खुशी का माहौल

    उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने वित्तीय स्थिति का ब्यौरा रखा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगे पूरा करना मुख्यमंत्री के लिए चुटकियों का काम है। उनके मांगों को रखते कर्मचारियों में खुशी का माहौल था और तालियों के साथ कर्मचारी सीटियां बजी।

    दूसरी तरफ मंच पर बैठे मुख्यमंत्री उनकी मांगें सुनकर हाथ हिलाकर यह कहते दिखे कि सरकार के खजाने में कुछ नहीं है, वह कुछ नहीं दे सकते। बाद में उन्होंने घोषणाएं कर कर्मचारियों को खुश कर दिया।

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