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    HRTC के पंजीकृत ढाबों का खाना नहीं है ठीक तो करें शिकायत, 15 हजार रुपये जुर्माना लगाकर ब्लैक लिस्ट करेगा प्रबंधन

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 05:40 PM (IST)

    Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने नई ढाबा नीति लागू की है जिसके तहत अब केवल दो साल पुराने ढाबे ही पंजीकृत होंगे। यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ देना अनिवार्य है। शिकायत मिलने पर जुर्माना और ब्लैकलिस्टिंग का प्रावधान है। एचआरटीसी ने ढाबों की पंजीकरण फीस भी बढ़ा दी है।

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    हिमाचल पथ परिवहन निगम प्रबंधन ने नई ढाबा नीति लागू कर दी है।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में सफर करने वाले यात्रियों को अब बेहतर खाना मिलेगा। निगम प्रबंधन ने यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर नई ढाबा नीति को लागू कर दिया है। इसके तहत निगम प्रबंधन किसी नए ढाबे को पंजीकृत नहीं करेगा। जिस ढाबे को पंजीकृत किया जाएगा, वह दो साल पुराना होना चाहिए।

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    यानी संचालक के पास दो साल का अनुभव होना अनिवार्य है। ढाबा संचालकों को यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं देनी होंगी और इनको सुनिश्चित करना होगा। जिस ढाबे के पास निगम की बस रुकेगी, वहां पर बैठने की उचित व्यवस्था, साफ सफाई, शौचालय की व्यवस्था होना अनिवार्य है।

    ढाबा संचालक इसके लिए निगम प्रबंधन के पास आवेदन करेगा। पहले निगम के अधिकारी ढाबे का निरीक्षण करेंगे। उसके बाद ही इसे पंजीकृत किया जाएगा। एचआरटीसी निदेशक मंडल की बैठक में इस नीति पर विस्तृत चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी है। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद निगम प्रबंधन ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं।

    जुर्माना लगेगा, तीन साल के लिए होगा ब्लैकलिस्ट

    ढाबे को लेकर यदि कोई शिकायत आती है तो एचआरटीसी की टीम उसकी जांच करेगी। पहली शिकायत आने पर ढाबा संचालक को पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी ढाबे के खिलाफ यदि दूसरी शिकायत आती है तो जुर्माना दोगुना यानी 10 हजार रुपये किया जाएगा। तीसरी बार शिकायत मिलने पर 15 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। तीन बार शिकायत आने के बाद तीन साल के लिए उस ढाबे को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। तीन साल तक वह एचआरटीसी को ढाबे के पंजीकरण के लिए पात्र नहीं होगा।

    ढाबा संचालकों को नियमों की दी जानकारी : वर्मा

    एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने बताया कि इस नीति को निदेशक मंडल की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया गया है। सभी पंजीकृत ढाबा संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें नियमों के बारे में बताया गया है। यात्रियों को गुणवत्ता युक्त भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। ढाबे पर सफाई व्यवस्था व मूलभूत जरूरतों को वहां पूरा करने के निर्देश दिए हैं। रेट लिस्ट लगाना भी अनिवार्य किया गया है।

    एचआरटीसी ने 150 ढाबे किए हैं पंजीकृत

    एचआरटीसी ने हिमाचल व अन्य राज्यों में 150 के करीब ढाबों को पंजीकृत किया है। यहां पर निगम की साधारण व वोल्वो बसें रुकती हैं। निगम ढाबों व फूड कोर्ट से प्रति बस जो फीस लेता था, उसे भी बढ़ा दिया है। ढाबों से 60 की जगह 100 रुपये फीस ली जाएगी, जबकि फूड कोर्ट से 100 की जगह 200 रुपये प्रति बस फीस ली जाएगी। फूड कोर्ट पर वोल्वों व सुपर लग्जरी बसें रुकती है।

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