Himachal Pradesh News: एचपीयू में अब चार साल का होगा ग्रैजुएशन कोर्स, बीच में छोड़ने पर मिलेगा डिप्लोमा
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अब ग्रजुएशन का कोर्स चार साल का होगा। कोर्स को बीच में छोड़ने पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट कोर्स या डिप्लोमा मिलेगा। इसी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू होगी। डिग्री के दौरान सामान्य व मुख्य पाठ्यक्रम दो घटक होंगे जबकि डिग्री कोर कोर्स की मिलेगी।

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) के अधीन आने वाले कॉलेजों में इसी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू होगी। इससे अब स्नातक की डिग्री चार साल की होगी। स्नातक की डिग्री बीच में छोड़ने पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट कोर्स या डिप्लोमा मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल की अध्यक्षता में एनईपी के क्रियान्वयन के लिए यह निर्णय लिए गए। कुलपति बंसल ने बताया, इसके पाठ्यक्रम बहुविषयक होंगे। एक ही मेजर और माइनर के साथ डिग्री होगी। छात्रों के पास कार्यक्रम के चौथे वर्ष में आनर्स और आनर्स विद रिसर्च करने का विकल्प होगा।
डिग्री के दौरान सामान्य व मुख्य पाठ्यक्रम दो घटक
विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मल्टीपल एंट्री या एग्जिट, स्ट्रीम आधारित डिग्री, कौशल का एकीकरण, पाठ्येतर और पाठ्यचर्या गतिविधियों का एकीकरण, पाठ्यक्रम और विषय में लचीलापन, अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान, समग्र शिक्षा के साथ छात्रों के पास स्वयम और अन्य मान्यता प्राप्त ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए 40 फीसद क्रेडिट अर्जित करने का विकल्प होगा। डिग्री के दौरान सामान्य व मुख्य पाठ्यक्रम दो घटक होंगे। डिग्री कोर कोर्स की मिलेगी।
बनाए जाएंगे कलस्टर सेंटर
परीक्षा परिणाम जल्द निकाले जा सकें, इसके लिए भी प्रदेश स्तर पर महाविद्यालयों के कलस्टर सेंटर बनाए जाएंगे। अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम और एनईपी कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष ने एनईपी के साथ संरेखित एचपीयू स्नातक कार्यक्रम के बारे में प्रस्तुति दी। बैठक में प्रति कुलपति आचार्य राजिंद्र वर्मा, कुलसचिव डा. वीरेंद्र शर्मा व निदेशक उच्च शिक्षा डा. अमरजीत शर्मा उपस्थित रहे।
हर साल के ये होंगे क्रेडिट
वर्ष क्रेडिट
प्रथम 44
द्वितीय 86
तृतीय 128
चतुर्थ 168
दोहरी डिग्री के विकल्प भी तलाशेगा एचपीयू
कुलपति प्रोफेसर बंसल ने बताया कि नई शिक्षा नीति की कार्यान्वयन प्रक्रिया के बारे में कॉलेजों को संवेदनशील बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी कॉलेज के प्रिंसिपल और एनईपी समन्वयक व एबीसी नोडल अधिकारी भाग लेंगे।
प्रोफेसर बंसल ने शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि एचपीयू देश के प्रीमियर संस्थानों के सहयोग से शीघ्र ही संयुक्त डिग्री, दोहरी डिग्री और ट्विनिंग कार्यक्रम शुरू करने के विकल्प तलाशेगा। उन्होंने कहा कि तीन और चार साल के स्नातक कार्यक्रमों में कई प्रवेश और निकास विकल्पों का विकल्प होगा। प्रोफेसर बंसल ने आश्वासन दिया कि परिणाम समय पर घोषित करने के लिए पर्याप्त प्रयास किए जाएंगे।
निगरानी के लिए बनेगी समिति
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कार्यान्वयन के संबंध में पूरी चेकलिस्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कौशल आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और छात्रों को ऑनलाइन मोड के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा सकने वाली शिक्षण सामग्री की सुविधा प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
इससे जरूरतमंद विद्यार्थियों को किताबें खरीदने के खर्च से बचाया जा सके। नई शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निगरानी समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय से समय पर मूल्यांकन और परिणाम घोषित करने के लिए एक तंत्र विकसित करने का भी अनुरोध किया।
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