Himachal News: हिमकेयर योजना से सरकारी कर्मचारी बाहर, प्रशासन ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
हिमकेयर योजना से सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को बाहर कर दिया गया है हालांकि कुछ अभी भी लाभ ले रहे हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने ऐसे कर्मचारियों का डाटा मांगकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं ताकि योजना का लाभ केवल पात्र परिवारों को मिले। बैठक में हिमकेयर की देनदारियों पर भी चर्चा हुई जिसमें 5.30 लाख पंजीकृत परिवारों पर 350 करोड़ रुपये की देनदारी है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमकेयर योजना से शामिल सरकारी अधिकतर कर्मचारियों और उनके परिवारों को बाहर कर दिया गया है। हालांकि, वर्तमान में भी कई सरकारी कर्मचारी योजना का लाभ ले रहे हैं।
प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने ऐसे कर्मचारियों का डाटा मांगकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कहा है कि हिमकेयर का लाभ पात्र परिवारों को मिले। सरकारी कर्मचारियों को सरकार की तरफ से मेडिकल रीइंबर्समेंट सुविधा दी जा रही है, ऐसे में उन्हें हिमकेयर का लाभ नहीं मिलेगा।
वीरवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हिमकेयर के तहत प्रदान की जा रही सेवाओं और सुविधाओं सहित संबंधित अधिकारियों के कार्यों और उसकी जटिलताओं पर चर्चा हुई। बैठक में वित्त विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
इस दौरान हिमकेयर की देनदारियों पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि प्रदेश में 5.30 लाख परिवार हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत हैं। इसके तहत वर्तमान में 350 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं। इनमें से 100 करोड़ रुपये की देनदारी निजी अस्पतालों की है।
सरकार ने साल के लिए एक हजार रुपये की राशि कार्ड बनाने और नवीनीकरण की फीस निर्धारित की है। योजना में पांच लाख रुपये तक कैशलेस उपचार सुविधा का प्रविधान है। इसमें अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग पैकेज निर्धारित हैं।
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