हिमाचल सरकार का भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, किसी भी विभाग में किया जा सकेगा तबादला; क्यों हो रहा परिवर्तन?
Himachal Pradesh Employees, हिमाचल प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है। नई भर्ती निदेशालय के अनुसार, पहली नियुक्ति में मिला विभाग स् ...और पढ़ें

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार सरकारी भर्तियों की प्रणाली में बड़ा बदलाव करने जा रही है। नवगठित भर्ती निदेशालय के तहत होने वाली भर्तियों में अब किसी कर्मचारी को पहली नियुक्ति में मिला विभाग स्थायी नहीं होगा। दो साल की जाब ट्रेनी अवधि पूरी होने के बाद नियमित होने पर कर्मचारी का तबादला किसी भी सरकारी विभाग अथवा जिले में किया जा सकेगा।
इस नई व्यवस्था की शुरुआत जेओए-आईटी के 300 पदों पर होने वाली भर्ती से की जा रही है। सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में इसे एक बड़ा सुधारात्मक कदम माना जा रहा है।
विभाग आधारित स्थायित्व की अवधारणा समाप्त
सरकार शीघ्र ही जेओए-आईटी के 300 पदों को भरने जा रही है। इन पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को जाब ट्रेनी के तौर पर पहले दो वर्षों तक 12,500 मासिक वेतन दिया जाएगा। इसके बाद कर्मचारी नियमित होंगे। खास बात यह है कि यह प्रदेश सरकार की पहली ऐसी भर्ती होगी, जिसमें विभाग आधारित स्थायित्व की अवधारणा समाप्त कर दी गई है।
किसी भी विभाग में किया जा सकेगा तबादला
भर्ती निदेशालय के तहत किए गए इस प्रविधान के अनुसार सामान्य श्रेणी सहित सभी कर्मचारियों का तबादला आवश्यकता के अनुसार किसी भी विभाग में किया जा सकेगा। अभी तक कनिष्ठ अभियंता जैसे पदों पर नियुक्त कर्मचारी उसी विभाग तक सीमित रहते थे, लेकिन नई व्यवस्था के तहत लोक निर्माण विभाग में नियुक्त कर्मचारी को शिक्षा, जल शक्ति या अन्य विभागों में भी स्थानांतरित किया जा सकेगा।
क्यों किया जा रहा बदलाव
इस व्यवस्था से ओवर स्टाफिंग की समस्या खत्म होगी और सरप्लस पूल जैसी स्थितियों से निजात मिलेगी। साथ ही कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया भी सुव्यवस्थित होगी। नई नीति के तहत प्रत्येक कर्मचारी को 14 साल बाद निश्चित रूप से पदोन्नति का लाभ मिलेगा।
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भर्ती निदेशालय को सौंपना होगा सारा रिकॉर्ड
इस बदलाव को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश के सभी विभागों को भर्ती निदेशालय को विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। विभागों को अपने यहां रिक्त पदों, कर्मचारियों की सेवा अवधि और उपलब्ध मानव संसाधन का पूरा रिकॉर्ड निदेशालय को सौंपना होगा। इससे सरकार के पास प्रदेश स्तर पर कर्मचारियों की स्थिति का एकीकृत डाटा उपलब्ध रहेगा और जरूरत के अनुसार स्थानांतरण व तैनाती आसान हो सकेगी।
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